Britain News: ब्रिटेन में पिछले साल क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद अब चार्ल्स तृतीय ब्रिटेन में आधिकारिक तौर पर नए महाराज घोषित किए गए थे। अब उनका आधिकारिक रूप से राज्याभिषेक आगामी 6 मई को आयोजित किया जाएगा। महाराजा चार्ल्स के छह मई के आधिकारिक राज्याभिषेक के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले तेल को यरूशलम के ‘चर्च ऑफ द होली सेपल्चर’ में एक समारोह में पवित्र किया गया है। बकिंघम पैलेस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
चार्ल्स-तृतीय के औपचारिक राज्याभिषेक के दौरान लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह के हिस्से के रूप में 74-वर्षीय महाराजा के सिर, छाती और हाथों पर प्रतीकात्मक तौर पर पवित्र तेल का स्पर्श कराया जाएगा। उनकी पत्नी कैमिला का भी उसी पवित्र तेल से रानी के तौर पर अभिषेक किया जाएगा।
जानिए इस पवित्र तेल की खासियत
पैलेस ने कहा कि मैरी मैग्डलीन मोनास्ट्री और पश्चिमी एशिया में मोनास्ट्री ऑफ असेन्शन में ‘माउंट ऑफ ओलिव्स’ से काटे गये दो पेड़ों से यह पवित्र तेल तैयार किया गया है। बकिंघम पैलेस की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, इस पवित्र तेल को तिल, गुलाब, चमेली, दालचीनी, नेरोलि, गुग्गल और तृणमणि के तेलों से सुगंधित बनाया गया है।
इस तेल का अभिषेक यरूशलम के धर्मप्रधान (पैट्रिआर्क), हिज बीटिट्यूड पैट्रिआर्क थियोफिलोस-तृतीय और यरूशलम स्थित एंग्लिकन आर्कबिशप, मोस्ट रेवरेंड होसम नौम द्वारा शुक्रवार को यरूशलम में आयोजित एक समारोह में किया गया था। ‘चर्च ऑफ द होली सेपुलचर’ को दुनिया के सबसे पवित्र ईसाई स्थलों में से एक माना जाता है। तेल की अपनी पसंद के तहत महाराजा ने अपनी पर्यावरण संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए और पिछले राज्याभिषेक में इस्तेमाल किए गए तेलों से इतर पशु-मुक्त विकल्प का चयन किया है।
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