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PM Modi & Putin Talk: "यह युग युद्ध का नहीं" ने किया पुतिन पर बड़ा असर, क्योंकि यह युग भारत का है...रूस का यूक्रेन पर बड़ा ऐलान

PM Modi & Putin Talk:करीब एक महीने पहले उज्बेकिस्तान के एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से यूक्रेन युद्ध मामले पर साफ शब्दों में कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है। बातचीत और शांति वार्ता के जरिये विवाद का हल निकाला जाना चाहिए।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: October 15, 2022 12:32 IST
Ruusian President Putin With Indian PM Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Ruusian President Putin With Indian PM Narendra Modi

Highlights

  • लगातार विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहे भारत के कदम
  • पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व की दुनिया दीवानी
  • पुतिन ने कहा-पीएम मोदी की बात मानकर हम यूक्रेन से शांति वार्ता को तैयार

PM Modi & Putin Talk:करीब एक महीने पहले उज्बेकिस्तान के एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से यूक्रेन युद्ध मामले पर साफ शब्दों में कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है। बातचीत और शांति वार्ता के जरिये विवाद का हल निकाला जाना चाहिए। पीएम मोदी के इस बयान ने उस दौरान सिर्फ एससीओ शिखर सम्मेलन में ही नहीं, बल्कि रूस से लेकर अमेरिका और पश्चिम यूरोप तक काफी सुर्खियां बटोरी थी। विदेशों में लिखने वालों ने तो यह तक भी लिख दिया था कि "यूक्रेन युद्ध मामले पर पीएम मोदी ने पुतिन को फटकारा" तो किसी ने लिखा "पहली बार यूक्रेन युद्ध पर रूस के खिलाफ भारत के पीएम की सख्त टिप्पणी" तो किसी ने लिखा पुतिन के सामने पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध पर कह दी खरी-खरी।

...खैर दुनिया कुछ भी लिखे और कुछ भी कहे, मगर भारत ने रूस से जो भी कहा था वह दोस्ती के नाते कहा था न कि फटकारने के अंदाज में। कभी विश्व का गुरु रहा भारत आज भी अपने समस्त तु वसुधैव कुटुंबकम की राह पर चल रहा है। भारत पूरी दुनिया में शांति का द्योतक है। भारत जैसा आदर्शवाद और लोकतंत्र शायद ही किसी देश में आपको देखने को मिले। रूस भारत का पारंपरिक दोस्त है। पुतिन और मोदी की दोस्ती भी जबरदस्त है। लिहाजा पीएम मोदी की बातों को पुतिन ने बेहद गंभीरता से लिया है। पुतिन ने मोदी की बात मान ली है। इससे अब पूरी दुनिया में एक बार फिर पीएम मोदी का वह बयान सुर्खियों में है।

PM Modi

Image Source : INDIA TV
PM Modi

भारत की बात मान युद्ध छोड़ने को तैयार पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पीएम मोदी की बात मानकर यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को तैयार होने की बात कहकर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है। अब पूरा विश्व हैरान है कि जो काम दुनिया के सभी देश मिलकर भी नहीं कर सके, उसे भारत ने आखिर अकेले कैसे कर दिया। पुतिन ने साफ कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि हम बातचीत के जरिये यूक्रेन के साथ विवाद को हल करें। भारत हमारा अच्छा सहयोगी है। इसलिए हमने पीएम मोदी की बात मान ली है। हम यूक्रेन के साथ अब शांति वार्ता करने को तैयार हैं। मगर यूक्रेन अभी इसके लिए तैयार नहीं हो रहा। पुतिन के इस ऐलान से पहले पीएम मोदी ने हाल ही में जेलेंस्की से भी बात की थी और उन्हें शांति का संदेश दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी की बात जेलेंस्की भी मान जाएंगे।

यह युग युद्ध का नहीं, अब भारत का
बीते 15-17 सितंबर तक उज्बेकिस्तान में चले एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन लंबे समय बाद आमने-सामने हुए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को भारत की चिंताओं से अवगत कराया था। पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध युग का नहीं है। शांति वार्ता से मसले का हल निकाला जाना चाहिए। रूस ने पीएम मोदी की इस बात को उसी वक्त गंभीरता से लिया था और इस पर विचार करने को कहा था। अब पुतिन ने यह ऐलान कर दिया है कि वह भारत के कहने के अनुसार यूक्रेन से युद्ध छोड़कर शांति वार्ता को तैयार हैं। पुतिन ने यह भी कहा कि चीन भी चाहता है कि बातचीत के जरिये मसले का हल निकाला जाए। ऐसे में भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दुनिया में वह कितना अधिक प्रभावशाली है।

Putin

Image Source : INDIA TV
Putin

पीएम मोदी ने ऐसे बनाया देश को दमदार

पीएम मोदी ने अपने देश को पुनः विश्वगुरु बनाने की दहलीज पर ला खड़ा कर दिया है। अब भारत अगर कुछ कहता है या सुझाव देता है तो पूरी दुनिया का असर उस पर होता है। बात चाहे अंतरराष्ट्रीय युद्धों की हो, शांति की हो, आतंकवाद की हो, व्यापार की हो या दोस्ती की... हर मायने में भारत दूसरों पर भारी पड़ रहा है। भारत कुछ कहता है तो उसकी बात का बहुत वजन होता है। पूरी दुनिया भारत की बातों को ध्यान से सुनती है। उसके सुझावों को अमल में लाती है। देश को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने अथाह मेहनत भी की है। आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे कारण जिससे बढ़ी दुनिया में भारत की धाक।

  • भारत में आपदा आने पर पीएम मोदी ने लोगों से अवसर में बदलने का आह्वान किया।
  • पीएम मोदी के आह्वान से कोरोना काल में भारत ने टेक्नॉलोजी से लेकर आर्थिक तरक्की में नया आयाम गढ़ा।
  • स्टार्टअप और आत्मनिर्भर भारत ने देश को सशक्त और मजबूत बनाया।
  • कोरोना काल में सरकार की राशन योजना और व्यापारियों को प्रोत्साहन योजना ने देश को पीछे नहीं होने दिया।
  • देखते ही देखते वैश्विक मंदी के बावजूद भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया।
  • अब आइएमएफ ने फिर से 2023 के लिए भारत को दुनिया की उम्मीद बताया है।
  • टेक्नोलॉजी के साथ ही साथ रक्षा और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करने लगा।
  • पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को भी बढ़ावा मिला।
  • देश में सड़क,रेल, पानी, बिजली, आवास, अस्पताल और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुए।
  • पीएम मोदी की प्रभावशाली छवि और स्वतंत्र विदेश नीति ने दुनिया को आकर्षित किया।
  • पीएम मोदी का ईमानदार व्यक्तित्व और हर संकट से उबरने में माहिर होने के माद्दे ने दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ाया।

अमेरिका के नेतृत्व में नाटो सेना प्रत्यक्ष आई तो होगी तबाही
रूसी राष्ट्रपति ने एक तरफ जहां भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की बात मानकर शांति वार्ता करने को राजी होने को कहा है तो वहीं दूसरी तरफ वह अमेरिका और नाटो देशों से बेहद नाराज भी हैं। पुतिन ने साफ किया है कि यदि अमेरिका और नाटो देशों की सेनाएं प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन के साथ युद्ध में शामिल हुईं तो दुनिया में तबाही आना निश्चित है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि खुद को बुद्धिमान समझने वाले लोग यूक्रेन युद्ध में शामिल होने की गलती नहीं करेंगे। एक तरह से पुतिन ने अमेरिका समेत नाटों देशों के लिए इसे कड़ी चेतावनी के तौर पर कहा है।

PM Narendra Modi

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PM Narendra Modi

यूक्रेन के चार राज्यों को रूस बना चुका है अपना
यूक्रेन के खेरसोन, जापोरिज्जिया, लुहांस्क और दोनेत्स्क को रूस ने जनमत संग्रह के बाद अपना बना लिया। इसके लिए रूसी संसद में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। रूस के अनुसार उक्त चारों राज्यों के 90 फीसद से अधिक लोगों ने रूस के साथ रहने के लिए वोट किया है। जबकि यूक्रेन ने इसे बंदूक की नोक पर करवाने का आरोप लगाया है। यूक्रेन ने अपने चारों क्षेत्रों का रूस में विलय की बात को मानने से इंकार कर दिया। यूक्रेन अब तक कहता रहा है कि जब तक वह अपने चारों क्षेत्रों को रूस से वापस नहीं ले लेता। तब तक किसी तरह की वार्ता नहीं करेगा।

सात माह के युद्ध में दोनों देशों ने उठाया भारी नुकसान
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को करीब सात महीने हो चुके हैं। इस दौरान दोनों ही देशों ने भारी नुकसान उठाया है। यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार रूस के 62 हजार से अधिक सैनिक मारे जा चुके हैं। लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, ड्रोन, तोपों, बख्तरबंद वाहनों समेत हजारों रूसी जंगी वाहन भी तबाह हो चुके हैं। इससे रूस की अर्थव्यवस्था डवांडोल हो चुकी है। इधर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाकर उसकी हालत को और खस्ता कर दिया है। वहीं यूक्रेन को भी इस युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि यूक्रेन ने अपने सैनिकों के मारे जाने का सही आंकड़ा जारी नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यूक्रेन के भी 30 से 35 हजार सैनिक अब तक युद्ध में मारे जा चुके हैं। साथ ही दर्जनों सिविलियन की भी जान गई है। यूक्रेन के रियाइशी इलाकों, अस्पतालों, व्यावसायिक, शैक्षिक और अन्य प्रतिष्ठानों की इमारतों को बड़ा नुकसान पहुंचा है।

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