यूरोपीय देश इटली की सरकार ने मस्जिदों के बाहर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस मसौदा कानून को लेकर विवाद भी छिड़ गया है। इसके साथ ही सरकार ने देश में होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए भी मसौदा तैयार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस मसौदे में देश के गैराजों, औद्योगिक केन्द्रों, औद्योगिक गोदामों और मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, मेलोनी के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी सरकार ने देश के शहरी नियोजन कानून में संशोधन किया है। मसौदा कानून का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों को धार्मिक प्रार्थना स्थलों या मस्जिदों में बदलने पर रोक लगाना है।
मेलोनी सरकार ने कानून बनाने का किया था वादा
गौरतलब है कि इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भी धर्म परिवर्तन समेत देश में मुस्लिम शरणार्थियों को रोकने के लिए कानून बनाने की बात कही थी। रिपोर्ट्स के अनुसार इस समय इटली का एक बड़ा हिस्सा मुस्लिम शरणार्थियों और धर्म परिवर्तन की घटनाओं से परेशान है।
गैर कानूनी मस्जिदों के खिलाफ लेंगे एक्शन
रिपोर्ट के अनुसार, इस बिल के तहत इटली की तमाम मस्जिदों की जांच की जाएगी और ये पता लगाया जाएगा कि उन्हें वित्त पोषण कहां से होता है। अगर यह बिल संसद में पास कर दिया जाता है तो उन मस्जिदों को बंद कर दिया जाएगा, जो गैरक़ानूनी रूप से गोदामों में बनी हुई है। इसके साथ ही बिल में कहा गया है कि अगर किसी औद्योगिक गोदामों या गैराजों का इस्तेमाल धार्मिक प्रचार के लिए किया गया, तो आरोपी को सख्त सजा दी जाएगी।
मसौदे को मुस्लिमों ने बताया भेदभाव
रोम में मैगलियाना मस्जिद के इमाम या प्रार्थना नेता सामी सलेम ने बताया कि यह एक ऐसा मसौदा है, जो स्पष्ट रूप से मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है और इटली के संविधान का सम्मान नहीं करता है। इटली का संविधान यहां रहने वाले सभी नागरिकों की रक्षा करता है।