Highlights
- अरबपति जॉर्ज सोरोस ने सचेत किया है कि यूक्रेन पर रूस का हमला तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत कर सकता है।
- सोरोस ने साथ ही यह भी कहा कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो सभ्यता इसे झेल नहीं पाएगी।
- सोरोस ने कहा कि दुनिया को इस लड़ाई को जल्द खत्म करने के लिए अपने सभी संसाधन लगा देने चाहिए।
Third World War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से कई बार आशंका जताई जा चुकी है कि यह घटना तीसरे विश्व युद्ध के लिए जमीन तैयार कर सकती है। समय-समय पर कई विशेषज्ञों ने भी आगाह किया है कि इस घटना को इतने हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस बीच अरबपति अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस ने भी सचेत किया है कि यूक्रेन पर रूस का हमला तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत कर सकता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो सभ्यता इसे झेल नहीं पाएगी।
‘जिनपिंग और पुतिन के बीच एक गठजोड़ है’
सोरोस ने दावा किया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक गठजोड़ है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता एक-दूसरे की मदद के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सोरोस ने मंगलवार को दावोस में अपने सालाना भाषण में कहा कि दुनिया को इस लड़ाई को जल्द खत्म करने के लिए अपने सभी संसाधन लगा देने चाहिए और सभ्यता को बचाने का सबसे सही और शायद एकमात्र तरीका पुतिन को जल्द से जल्द हराना है।
‘तीसरा विश्व युद्ध दुनिया झेल नहीं पाएगी’
सोरोस ने कहा, ‘यह हमला तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत कर सकता है और हमारी सभ्यता इसे संभवत: झेल नहीं पाएगी।’ उन्होंने दावा किया कि पुतिन ने शी को इस हमले के बारे में पहले ही बता दिया था। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में 4 फरवरी को मुलाकात की थी और एक लंबा बयान जारी कर घोषणा की थी कि उनके बीच सहयोग की ‘कोई सीमा’ नहीं है।
‘पुतिन ने शी को हमले के बारे में बताया था’
सोरोस ने कहा कि पुतिन ने शी को यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ की जानकारी दी थी, लेकिन यह साफ नहीं है कि क्या उन्होंने शी को यूक्रेन पर पूरी तरह हमला करने के बारे में बताया था। उन्होंने दावा किया कि शी ने पुतिन को समर्थन दिया था, लेकिन उनसे ओलंपिक खत्म होने तक इंतजार करने को कहा था। उन्होंने कहा कि पुतिन का तथाकथित ‘विशेष सैन्य अभियान’ योजना के अनुरूप नहीं रहा, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि यूक्रेन में रह रहे रूसी भाषा बोलने वाले लोग रूस के सैनिकों का स्वागत करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
‘पुतिन को शायद अहसास हो गया है कि...’
सोरोस ने दावा किया कि पुतिन को शायद अहसास हो गया है कि यूक्रेन पर हमला करके उन्होंने एक बड़ी गलती की और वह अब सीजफायर पर बातचीत के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं, जो संभव नहीं है, क्योंकि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पुतिन को शांति वार्ता शुरू करनी होगी, जो वह कभी नहीं करेंगे क्योंकि इसका मतलब होगा कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। सोरोस ने कहा कि शी भी नाकाम रहेंगे, क्योंकि पुतिन को हमले की इजाजत देने से चीन को कोई फायदा नहीं हुआ।