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Queen Elizabeth II Funeral: महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को ले जाने वाले विमान ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड, सबसे अधिक लोगों ने किया ट्रैक

Queen Elizabeth II Funeral: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को लेकर जा रहे विमान ने अब तक की सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली उड़ान बनने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वेबसाइट, फ्लाइटराडर 24 के हवाले से सीएनएन ने बताया कि लगभग 50 लाख लोगों ने ऑनलाइन ट्रैक किया है

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: September 15, 2022 19:22 IST
Queen Elizabeth II Funeral- India TV Hindi
Image Source : AP Queen Elizabeth II Funeral

Highlights

  • यात्रा को लगभग 2.9 मिलियन लोगों ने ट्रैक किया था
  • 2,96,000 लोगों ने यूट्यूब पर विमान को ट्रैक किया
  • सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली उड़ान बनने का रिकॉर्ड तोड़ दिया

Queen Elizabeth II Funeral: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को लेकर जा रहे विमान ने अब तक की सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली उड़ान बनने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वेबसाइट, फ्लाइटराडर 24 के हवाले से सीएनएन ने बताया कि लगभग 50 लाख लोगों ने ऑनलाइन ट्रैक किया है क्योंकि दिवंगत रानी को मंगलवार को एडिनबर्ग से लंदन ले जाया गया।

तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड 

4.79 मिलियन लोग जिन्होंने फ्लाइटराडर24 की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उड़ान की यात्रा को ट्रैक किया। इसके साथ ही 2,96,000 लोगों ने यूट्यूब पर विमान को ट्रैक किया। इस रिकॉर्ड ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जहां पिछले महीने यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान की विवादास्पद यात्रा के दौरान हासिल किया गया था। सीएनएन ने वेबसाइट के हवाले से कहा कि उनके विमान की ताइपे की यात्रा को लगभग 2.9 मिलियन लोगों ने ट्रैक किया था।

महारानी को लेकर रॉयल एयर फोर्स के विमान ने उड़ान में एक घंटा 12 मिनट का समय बिताया। यह लंदन में हीथ्रो हवाई अड्डे से लगभग छह मील की दूरी पर एक सैन्य स्टेशन आरएएफ नॉर्थोल्ट पर उतरा। नॉर्थोल्ट से रानी के ताबूत को बकिंघम पैलेस ले जाया गया। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को ताबूत को संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में ले जाया गया।

लाखों की भीड़ जुटी
ताबूत यात्रा शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही बकिंघम पैलेस के बाहर द मॉल पर और टेम्स नदी के किनारे हजारों लोग जुट रहे। यह भीड़ महारानी के प्रति सम्मान और उनके निधन पर देशभर में फैली शोक की लहर की ताजा झलक देखने को मिली। महारानी का पिछले बृहस्पतिवार को उनके बाल्मोरल स्थित ग्रीष्मकालीन आवास पर निधन हो गया था। वह 96 वर्ष की थीं।

महारानी के अंतिम संस्कार से जुड़ी कुछ जिम्मेदारियां संभाल रहे मेजर जनरल क्रिस्टोफर घीका ने कहा कि यह बहुत दुखद दिन है लेकिन यह महारानी के लिए हमारा कर्तव्य अदा करने का आखिरी मौका है। वहीं महाराजा के लिए कुछ करने का हमारा पहला अवसर है। हमारे लिए यह बहुत सम्मान की बात है। ताबूत यात्रा में शामिल होने वाले सैनिक महारानी के निधन के बाद से ही इसके लिए तैयारी कर रहे थे।

ताबूत में लिपटा था ध्वज 
महारानी के पार्थिव शरीर को लाने वाले वाहन के भीतर लाइटें जल रही थीं और उनका ध्वज में लिपटा ताबूत बाहर से देखने पर नजर आ रहा था। टैक्सी ड्राइवर ज्यौफ कोलगान छुट्टी लेकर अपने नन्हें बच्चे को गोदी में लिए महारानी की ताबूत यात्रा को देखने के लिए आए थे । उन्होंने कहा कि आपको पता होता है कि एक दिन ऐसा होना ही है लेकिन जब होता है तो आप यकीन नहीं कर पाते।

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