Putin Foreign Visit: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म नहीं हुई है। इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। उन पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। इसके बावजूद वे एक दुर्लभ यात्रा पर विदेश जा रहे हैं। वे अपनी यात्रा के तहत काफी अरसे बाद दूसरे देश गए। जानिए क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक दुर्लभ विदेश यात्रा पर बृहस्पतिवार को किर्गिस्तान पहुंचे। उन पर इस साल की शुरुआत में यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने अभियोग लगाया था। किर्गिस्तान में पुतिन बृहस्पतिवार को अपने समकक्ष, राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मुलाकात करेंगे। वह शुक्रवार को स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी किर्गिस्तान कर रहा है।
कौन कौनसे देश कर रहे सम्मेलन में शिरकत?
इस शिखर सम्मेलन में आजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेता भी शामिल होंगे। आर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन इसमें शामिल नहीं होंगे, क्योंकि आपसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच मॉस्को के साथ येरेवन के रिश्ते खराब हो गए हैं। इस साल यह पहली बार है कि रूसी राष्ट्रपति ने रूस और रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्रों से बाहर यात्रा की है।
साल की शुरुआत में पुतिन ने यहां का किया था दौरा
इस साल की शुरुआत में, पुतिन ने दोनेत्स्क, लुहान्स्क और खेरसॉन के आंशिक रूप से कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों के साथ-साथ संलग्न क्रीमिया प्रायद्वीप का दौरा किया था। मार्च में, अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने यूक्रेन से बच्चों को ले जाए जाने पर पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिन देशों ने आईसीसी को अस्तित्व में लाने वाली रोम संधि पर हस्ताक्षर और उसका अनुमोदन किया है, वे अब, अपनी धरती पर कदम रखने पर रूसी नेता को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य हैं।
दक्षिण अफ्रीका क्यों नहीं गए थे पुतिन?
यही वजह है कि पुतिन अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में एक आर्थिक शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले पाए। इस महीने की शुरुआत में आर्मेनिया ने रोम संधि को मंजूरी दे दी जिसके बाद आर्मेनिया के साथ मास्को के संबंधों में और तनाव आ गया। हालांकि आर्मेनियाई अधिकारियों ने क्रेमलिन को आश्वस्त करने की कोशिश की कि रूसी नेता को, देश में प्रवेश करने पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। क्रेमलिन ने कहा है कि रूस आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानता और वारंट को अमान्य मानता है। किर्गिस्तान ने रोम संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।