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रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा...जिसे पढ़कर आपका कलेजा सहम जाएगा, बड़े संकट में घिरे जेलेंस्की

रूस-यूक्रेन युद्ध की दास्तां बेहद भयावह हो चली है। दोनों देशों में करीब 17 महीने से चल रहे युद्ध में अब ऐसे-ऐसे हमले किए जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। कीव के एक एनजीओ ने दावा किया है कि रूसी सैनिक यूक्रेनियन आर्मी की आंखें फोड़ दे रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 17, 2023 16:13 IST, Updated : Aug 17, 2023 16:13 IST
व्लादिमिर जेलेंस्की, यूक्रेन के राष्ट्रपति।
Image Source : AP व्लादिमिर जेलेंस्की, यूक्रेन के राष्ट्रपति।

रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसे पढ़कर आपका कलेजा सहम जाएगा, जिसके बारे में जानकर आपकी रूह कांप जाएगी और जिसके बारे में सुनकर आपके होश फाख्ते हो जाएंगे। आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि रूस आखिर यूक्रेनी सैनिकों को इतनी बड़ी सजा कैसे दे सकता है। मगर ये सच है। रूस-यूक्रेन युद्ध में घायल हो रहे यूक्रेनी सैनिकों की देखभाल करने वाले एक एनजीओ ने बड़ा सनसनीखेज दावा किया है। दावे में कहा गया है कि रूसी सैनिक यूक्रेनी सैनिकों की आंख फोड़ दे रहे हैं। अब तक युद्ध में कई यूक्रेनी सैनिक दोनों आंख से अंधे हो चुके हैं। एनजीओ के अनुसार अब तक कितने अधिक यूक्रेनी सैनिकों को रूस अंधा बना चुका है, इसका आंकड़ा जुटा पाना भी मुश्किल हो रहा है।

ताजा उदाहरण रूस-यूक्रेन जंग के दौरान पिछले साल रूसी सैनिकों से लड़ते वक्त गंभीर रूप से घायल हुए और अपनी आंख गंवा चुके डेनिस अब्दुलिन (34) का है। वह पश्चिमी यूक्रेन के एक शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पहली बार सैर पर निकले। काला चश्मा पहने और हाथों में सफेद छड़ी लिए अब्दुलिन ने फुटपाथ पर एक वर्ष से भी अधिक समय के बाद कदम रखा है। सैर के दौरान वह एटीएम से पैसे निकालकर आ रही एक महिला के रास्ते में आने के बाद थोड़ा घबरा गए, लेकिन महिला एक प्यारी सी मुस्कान के साथ शालीनता से उनके रास्ते से हट जाती है। धीरे-धीरे वह अपने प्रशिक्षक की मदद से करीब 600 मीटर की दूरी तय करते हैं, जो उनके आगे धातु की घंटी बजाता हुआ चल रहा है। युद्ध के दौरान पांच अन्य यूक्रेनी सैनिकों ने अपनी आंखें गंवा दी थीं, लेकिन पूर्व सैनिकों के पुनर्वास शिविर में भाग लेने के दौरान उन्होंने इस तरह की चुनौतियों पर विजय प्राप्त किया।

आंखें गवां चुके एक यूक्रेनी सैनिक ने बयां किया दर्द

अब अब्दुलिन, कई हफ्तों तक रिव्ने शहर में घूमना, अपना भोजन स्वयं तैयार करना और अकेले यात्रा करते समय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना सीखेंगे। कई महीनों तक अस्पताल में रहे अब्दुलिन ने कहा, "यूक्रेन में हर कोई आजादी के लिए अपनी कीमत चुका रहा है।" पिछले साल 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन की बीच जंग की शुरुआत हुई थी, जिसमें दोनों देशों के हजारों सैनिक मारे गये। इसके अलावा देश की रक्षा के लिये युद्ध में हथियार उठाने वाले अनगिनत यूक्रेनी सैन्यकर्मी और नागरिक या तो अपंग हो गये या फिर उन्हें गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा, जिससे उनका जीवन हमेशा के लिये बदल गया।

एनजीओ के सनसनीखेज दावे ने मचाई खलबली

पूर्व सैनिकों के पुनर्वास शिविर का संचालन करने वाले गैर-सरकारी संगठन, मॉडर्न साइट के कार्यकारी निदेशक ओलेसिया पेरेपेचेंको ने बताया कि युद्ध में गंभीर चोटों के कितने सैनिकों ने अपनी दृष्टि खो दी है, इसका वर्तमान में कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है। उन्होंने बताया कि युद्ध जैसे-जैसे बढ़ रहा है, पुनर्वास केंद्र की मांग बढ़ रही है। पूर्व सैनिक, अपने परिवारों के साथ, रिव्ने शहर के बाहर एक पुनर्वास केंद्र में रहते हैं। पेरेपेचेंको स्वयं नेत्रहीन हैं। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य उन्हें दोबारा प्रशिक्षित करना नहीं है, उन्हें बदलना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका देना है।" उन्होंने कहा, "लगभग डेढ़ साल पहले जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तब अब्दुलिन स्वेच्छा से सेना में शामिल हुए थे। सैर पर निकलकर 600 मीटर की पैदल दूरी तय करने से उनमें कुछ आत्मविश्वास आएगा। पूर्वी यूक्रेन के एक शहर सिवेरोदोंतेस्क में उनके पीछे कुछ मीटर की दूरी पर खदान में विस्फोट होने के बाद उनकी आंखों की रोशनी चली गई।’’

"मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी आंखों से ज्वाला निकली हो"

यूक्रेनी सैनिक अब्दुलिन ने मई 2022 के उस दिन के बारे में बताया, "मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी आंखों से ज्वाला निकली हो। मुझे तुरंत एहसास हुआ कि मैंने अपनी आंखें खो दी हैं। बेशक, मुझे हर चीज की आशंका थी, लेकिन अंधा होने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था।" उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं एक हाथ या एक पैर खो सकता हूं, और मैं बिल्कुल भी मरना नहीं चाहता था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अंधा हो जाऊंगा। इसलिए, पहले तो यह बहुत कठिन था। लेकिन अब मैं इसका अभ्यस्त हो रहा हूं।" अब्दुलिना के साथ उनकी पत्नी ओलेशिया और बच्चे रह रहे हैं। ओलेशिया कहती है ‘‘उनकी आंखों में सूजन है। उन पर रुई रख कर पट्टी बांधना पड़ता है। सबसे बड़ी बात यह है कि वह जीवित हैं।’’(एपी)

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