पेरिसः दुनिया भर में आतंकी फंडिंग और मनीलांड्रिंग पर निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से भारत को सचेत किया है। एफएटीएफ के अनुसार आतंकवाद और विदेशी फंडिंग मामले में मोदी सरकार की सख्ती से ISIS, अलकायदा से जुड़े तमाम आतंकी संगठन और चरमपंथी भारत को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। मगर मोदी सरकार की सख्ती से अभी वह ऐसा कर नहीं पा रहे हैं। लिहाजा FATF ने भारत को ऐसे आतंकी और चरमपंथी संगठनों से सतर्क करते हुए आतंकवादियों के खिलाफ मोदी सरकार की सख्त कार्रवाई की सराहना भी की है।
एफएटीएफ ने कहा है कि भारत को सबसे ज्यादा खतरा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा से जुड़े आतंकी समूहों से है। इन संगठनों से उसे आतंकी खतरे का सामना करना भी पड़ रहा है। अभी ये आतंकी नेटवर्क भारत के खिलाफ कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के फिराक में हैं, लेकिन मोदी सरकार की सख्ती उनके आगे आड़े आ रही। एफएटीएफ ने यह टिप्पणी आतंक के वित्तपोषण और मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी व्यवस्था से निपटने पर जारी 'पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट' में की है।
आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती से एफएटीएफ खुश
भारत को आतंकवादियों से खतरे की चेतावनी देते हुए एफएटीएफ ने आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती पर खुशी जाहिर की है। साथ ही इस कार्रवाई को जमकर सराहा है। एक बड़े रहस्योद्घाटन में, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने गुरुवार को कहा कि भारत को इस्लामिक स्टेट या अल-कायदा से जुड़े विभिन्न प्रकार के आतंकवादी समूहों से खतरों का सामना करना पड़ रहा है। यह जम्मू-कश्मीर और उसके आसपास ज्यादा सक्रिय हैं।
एफएटीएफ ने अपनी 368 पन्नों की रिपोर्ट में कहा कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण विरोधी प्रणाली लागू की है जो कई मायनों में प्रभावी है। हालांकि, यह नोट किया गया कि मनी-लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए अभी और बड़े सुधारों की आवश्यकता है। जिसमें गैर-लाभकारी क्षेत्र (एनजीओ) को आतंकवादी दुरुपयोग से बचाना जरूरी है। क्योंकि भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मुख्य स्रोत देश के भीतर की गई अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं।"
एफएटीएफ ने भारत के कदमों को सराहा
भारत के लिए FATF का आपसी मूल्यांकन का चौथा दौर नवंबर 2023 में हुआ। इस साल 26-28 जून के बीच सिंगापुर में आयोजित एफएटीएफ की बैठक में भारत के लिए पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि इसने वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग निगरानी संस्था की आवश्यकताओं के साथ "उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन" हासिल किया है। एफएटीएफ ने भारत को "नियमित अनुवर्ती" श्रेणी में रखा था । वैश्विक निगरानी संस्था द्वारा दी गई उच्चतम रेटिंग और यूके, फ्रांस, इटली सहित केवल चार अन्य जी20 देशों द्वारा यह अंतर साझा किया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए भारत के उपाय
भारत ने एफएटीएफ सिफारिशों में उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन किया है। साथ ही अवैध वित्तपोषण से निपटने के उपायों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। फिर भी यह महत्वपूर्ण है कि देश अपनी प्रणाली में सुधार जारी रखे, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली लगातार बढ़ रही है। विशेष रूप से यह सुनिश्चित करना होगा कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के मुकदमे पूरे हो जाएं और अपराधी उचित प्रतिबंधों के अधीन हों। इसके साथ ही गैर-लाभकारी संगठनों के साथ जोखिम-आधारित और शिक्षाप्रद दृष्टिकोण अपनाना होगा।
गंभीर आतंकवाद का सामना कर रहा भारत
अवैध वित्तपोषण से निपटने के लिए देश के उपायों के संयुक्त एफएटीएफ-एपीजी-ईएजी मूल्यांकन से यह निष्कर्ष निकलता है कि भारत ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिस्ट फाइनेंसिंग (एएमएल/सीएफटी) ढांचे को लागू किया है जो जोखिम समझ, पहुंच सहित अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है। लाभकारी की स्वामित्व की जानकारी हासिल कर अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करना शामिल है। अधिकारी वित्तीय बुद्धिमत्ता का अच्छा उपयोग करते हैं और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ढंग से सहयोग करते हैं। मूल्यांकन के बाद, भारत को "नियमित अनुवर्ती" में रखा गया है। एफएटीएफ ने कहा कि भारत गंभीर आतंकवाद का सामना कर रहा है।