बर्नः स्विट्जरलैंड के सरकार ने नये साल का आगाज सनसनीखेज तरीके से किया है। स्विट्जरलैंड ने बुधवार को नये वर्ष के पहले ही दिन महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे तमाम इस्लामिक देशों में खलबली मच गई है। हालांकि स्विट्जरलैंड की सरकार ने यह कानून काफी पहले बनाया था। मगर अब इसे 1 जनवरी 2025 से देश में लागू कर दिया गया है।
नये कानून के मुताबिक सार्वजनिक जगहों पर बुर्का, नकाब यानि हिजाब पहनकर चेहरा ढंकना अब पूरी तरह से गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है। इस कानून का उल्लंघन करने पर करीब 95 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। कानून के अनुसार बुर्का से मुंह, नाक और आंखों को ढंकना कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
यहां नहीं लागू होगा कानून
स्विट्जरलैंड के इस कानून से इस्लामिक देशों में हड़कंप मच गया है। मगर यह कानून फ्लाइट और राजनयिक व वाणिज्यिक दूतावासों में लागू नहीं होगा। बता दें कि ईरान में 2 साल से हिजाब के खिलाफ महिलाओं ने कई बड़े आंदोलन किये हैं। दुनिया के कई देश हिजाब पहनने के खिलाफ महिलाओं के पक्ष में खड़े हो गए थे। हालांकि ईरान ने हर बार आंदोलन को दबा दिया। इतना ही नहीं उसने कई आंदोलनकारियों को सरकार का विरोध करने का आरोप लगाकर फांसी पर लटका दिया।
स्विट्जरलैंड ने क्यों किया बुर्का बैन
स्विट्जरलैंड ने बुर्का बैन करने को लेकर देश में 2021 में एक जनमत संग्रह कराया था, जिसमें 51 फीसदी से अधिक लोगों ने प्रतिबंध लगाने के पक्ष में मतदान किया था। बता दें कि स्विट्जरलैंड की सरकार कोई भी नया कानून बनाते समय सीधे जनमत संग्रह कराती है। स्विट्जरलैंड की दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी (एसवीपी) पहली बार यह प्रस्ताव लाई थी। इसमें चरमपंथ को रोकने के साथ बुर्का पर बैन की सिफारिश की गई थी। इस कानून के लागू होने से इस्लामिक देश इसे ड्रेस कोड पर प्रतिबंध मान कर चल रहे हैं। इससे फैसले से कई देशों में खलबली मच गई है।