नई दिल्ली। उत्तरी आयरलैंड के समुद्र में दुनिया में दुर्लभ माना जाने वाला नीला लॉबस्टर के पकड़े जाने से हलचल मच गई है। नीला लॉबस्टर.. जिसके पकड़े जाने को दुनिया भर के वैज्ञानिक भी अविश्वनीय मान रहे हैं, ने इसे देखने वालों के दिल में अजीब सा कौतूहल पैदा कर दिया है। यह नीली लॉबस्टर उस वक्त पकड़ में आया, जब उत्तरी आयरलैंड के काउंटी डाउन स्थित बांगोर में 28 वर्षीय मछुआरा स्टुअर्ट ब्राउन मछलियां पकड़ रहा था। उसने जब अपने मछली के जाल और कांटे को बाहर की ओर खींचा तो समुद्र से अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ नीले लॉबस्टर को देख कर दंग रह गया।
स्टुअर्ट ब्राउन ने कहा कि ऐसे लॉबस्टर को पकड़ना हर किसी के लिए एक आश्चर्य है। ब्लैकहेड लाइटहाउस के पास यह अदभुत प्राणी लफ के उत्तरी किनारे से एक बर्तन में रखकर लाया गया। यह लॉबस्टर रखने के लिहाज से काफी छोटा था। लिहाजा उसकी तस्वीरें लेने के बाद मजबूरन उसे वापस पानी में छोड़ दिया गया। स्टुअर्ट ने कहा कि जितना हो सकता है वह पानी में छोड़े जाने के बाद खुश होकर तैर रहा था। ऐसे में उम्मीद है कि आगे भी उसे कोई पकड़ता है तो वापस पानी में छोड़ देगा।
15 से 18 फिट गहरे पानी में पकड़ा गया लॉबस्टर
स्टुअर्ट ने कहा कि जब नीला लॉबस्टर को जब उन्होंने पकड़ा था तो उनकी नाव 15 से 18 फिट गहरे पानी में थी। इसे पकड़ने के बाद मैंने बर्तन को उस चालक दल की ओर सरका दिया, जिसने इसे बाहर निकाला और टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बहुत नीला है। मैंने तब उसकी ओर देखा और कहा कि हां, कोई बात नहीं। मैंने फिर लॉबस्टर की ओर देखा और कहा कि यह वाकई बहुत नीला है। स्टुअर्ट ने बताया कि एक अनुभवी मछुआरा जिसने 11 साल की उम्र से ही मछलियां पकड़ने की शुरुआत कर दी थी, ने पहले सचेत किया था कि "आपको वहां लॉबस्टर मिलेंगे जो सामान्य नहीं दिखते हैं, वे थोड़े भूरे या लाल होंगे, बस उनके साथ कुछ अलग होगा, लेकिन कुछ भी चरम नहीं होगा। मगर यह तो उससे भी ज्यादा दुर्लभ था।
वैज्ञानिकों के अनुसार 2 मिलियन में कोई एक नीला लॉबस्टर मिल सकता है
प्राणि वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लू लॉबस्टर को पकड़ने की संभावना 2 मिलियन में से एक है, जिसका अर्थ है कि यह वास्तव में स्टुअर्ट का भाग्यशाली दिन था। स्टुअर्ट ने कहा कि "मैंने यह देखने के लिए Google पर चेक किया कि यह कितना दुर्लभ था और इसे पकड़ने का मौका एक-दो मिलियन में से एक था।" काउंटी डाउन सीफूड पूरे व्यापार शेयरधारक ने कहा कि यह अब समुद्र में पाई जाने वाली एक "अजीब और अद्भुत चीजें" थी, जिसे वह अपनी सूची से हटा सकता था। आनुवंशिक भिन्नता के कारण कुछ झींगा मछलियाँ एक अलग रंग में अधिक सामान्य रूप से पाई जाने वाली भूरी या लाल किस्म की हो सकती हैं। मगर ब्लू स्टुअर्ट बेहद दुर्लभ है। इस अंतर का मतलब है कि कुछ प्रोटीन दूसरों से अलग दरों पर बनते हैं। इसकी वजह से यह हो सकता है।