नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 11 महीने बाद दोनों देशों के बीच कुछ ऐसी सकारात्मक पहल हुई है, जिसके बारे में जानकर हर किसी को सुकून और इंसानियत का एहसास होगा। आपसी समझौते के बाद रूस ने यूक्रेन के 116 बंदियों को रिहा कर दिया है। इसके बाद वह यूक्रेन के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं पुतिन की इस पहल के बाद यूक्रेन ने भी 63 रूसी सैनिकों को उनके देश सकुशल वापस भेज दिया है। दोनों देशों के बीच चल रहे भीषण युद्ध के दौरान इस पहल की हर ओर तारीफ हो रही है। मगर सवाल यह है कि क्या आगे भी ऐसी कुछ पहल इन दोनों देशों के बीच हो सकती है, जिससे कि होने वाला और विनाश रोका जा सके?
फिलहाल कैदियों की अदला-बदली के बाद रूस और यूक्रेन के दर्जनों युद्धबंदी स्वदेश लौट गए। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसके बाद उन बंदियों के परिवारों में अरसे बाद खुशी के दीप जले हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के शीर्ष सहयोगी एंड्री यरमक ने सोशल मीडिया पर कहा कि यूक्रेन के 116 बंदी रूस की ओर से रिहा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रिहा किए गए युद्धबंदियों में वे सैनिक शामिल हैं जो मॉस्को की महीनों लंबी घेराबंदी के दौरान मारियुपोल में डटे रहे थे। साथ ही खेरसॉन क्षेत्र के गुरिल्ला लड़ाके और पूर्वी शहर बखमुत में जारी भीषण लड़ाई के दौरान पकड़े गए सैनिक भी शामिल हैं।
रूस के 63 युद्ध बंदियों को यूक्रेन ने भी भेजा वापस
रूस द्वारा यूक्रेनी सैनिकों को छोड़े जाने के बाद यूक्रेन ने भी उनके सैनिकों को रिहा कर दिया, जो युद्ध के दौरान यूक्रेनी सेना की ओर से बंदी बनाए गए थे। रूसी रक्षा अधिकारियों ने बताया कि अदला-बदली के बाद यूक्रेन से 63 रूसी सैनिक वापस आए हैं, जिनमें कुछ ‘‘विशेष श्रेणी’’ के कैदी भी शामिल हैं। रूस ने कहा कि ‘‘विशेष श्रेणी’’ के कैदियों की रिहाई संयुक्त अरब अमीरात द्वारा मध्यस्थता के बाद की गई थी। हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी बयान में इन ‘विशेष श्रेणी’ बंदियों के बारे में विवरण साझा नहीं किया गया है। फिलहाल दोनों देशों के बीच हुई इस शानदार पहल ने शांति के प्रयासों की दिशा में उम्मीद की एक नई किरण जगा दी है।
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