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Scotland Museum Deal: स्कॉटलैंड का म्यूजियम भारत को वापस करेगा चुराई गईं 7 प्राचीन कलाकृतियां, समझौते पर किए हस्ताक्षर

Scotland Museum Deal: अब 7 प्राचीन कलाकृतियों के भारत वापस जाने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें एक पारंपरिक तलवार भी शामिल है, जिसे 14वीं शताब्दी का माना जाता है।

Written By: Rituraj Tripathi @rocksiddhartha7
Published : Aug 20, 2022 7:37 IST, Updated : Aug 20, 2022 8:37 IST
Scotland Museum Deal
Image Source : INDIA TV GFX Scotland Museum Deal

Highlights

  • स्कॉटलैंड से भारत को वापस मिलेंगी चुराई गईं 7 प्राचीन कलाकृतियां
  • ग्लासगो शहर स्थित म्यूजियम ने शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए
  • वापस मिलने वालीं कलाकृतियों में 14वीं शताब्दी की एक पारंपरिक तलवार भी शामिल

Scotland Museum Deal: स्कॉटलैंड से भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। यहां के ग्लासगो शहर स्थित म्यूजियम ने शुक्रवार को भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत चोरी की 7 कलाकृतियों को भारत वापस भेजा जाएगा। म्यूजियम चलाने वाले परमार्थ संगठन ‘ग्लासगो लाइफ’ ने इस साल की शुरुआत में कलाकृतियों को सौंपे जाने की पुष्टि की थी और ब्रिटेन में कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त सुजीत घोष की उपस्थिति में केल्विंग्रोव आर्ट गैलरी और म्यूजियम में इसे औपचारिक रूप दिया गया। 

अब 7 प्राचीन कलाकृतियों के भारत वापस जाने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें एक पारंपरिक तलवार भी शामिल है, जिसे 14वीं शताब्दी का माना जाता है। इसके अलावा, कानपुर के एक मंदिर से ले जाया गया 11 वीं शताब्दी का पत्थर का नक्काशीदार दरवाजा भी है। 

घोष ने कहा, 'हमें खुशी है कि ग्लासगो लाइफ के साथ हमारी साझेदारी की वजह से ग्लासगो के म्यूजियम से भारतीय कलाकृतियों को भारत लाने का फैसला लिया गया है।'

किन कलाकृतियों को किया जाएगा वापस

14वीं शताब्दी की नक्काशी और 11वीं सदी के पत्थर के दरवाजे के जाम सहित 6 वस्तुओं को 19वीं शताब्दी में मंदिरों से चुरा लिया गया था। सातवीं वस्तु एक औपचारिक तलवार है, जिसे 1905 में हैदराबाद के निज़ाम के संग्रह से उनके प्रधानमंत्री द्वारा चुराया गया था। 

ग्लासगो म्यूजियम ने कहा है कि कि ये माना जा रहा है कि ये सामान कानपुर, कोलकाता, ग्वालियर, बिहार और हैदराबाद का है। इसमें से कुछ लगभग 1,000 वर्ष पुराने माने जाते हैं।

कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त सुजीत घोष ने वस्तुओं की वापसी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ये कलाकृतियां हमारी सभ्यता की विरासत का एक अभिन्न अंग हैं और अब इन्हें घर वापस भेजा जाएगा। हम उन सभी हितधारकों की सराहना करते हैं जिन्होंने इसे संभव बनाया, विशेष रूप से ग्लासगो लाइफ और ग्लासगो सिटी काउंसिल।

पहले भी कलाकृतियां लौटा चुका है ग्लास्को

यह पहली बार नहीं है जब ग्लासगो ने चोरी की कलाकृतियां अपने स्रोत देश को लौटाई हैं। ग्लासगो म्यूजियम के प्रमुख डंकन डोर्नन ने कहा कि ग्लासगो में वस्तुओं की वापसी की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। स्रोत राष्ट्र के लिए किसी वस्तु की पहली वापसी 1998 में हुई थी, जिसमें लकोटा राष्ट्र में भूत शर्ट की वापसी हुई थी।

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