Sunday, December 22, 2024
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विदेश मंत्री सर्गेई से मिले एस जयशंकर, भारत-रूस संबंधों को लेकर कही ऐसी बात कि हैरत में पड़ गए कई देश

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध बेहद स्थिर और मजबूत हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन आपस में फोन पर बातचीत करते रहते हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 27, 2023 18:35 IST, Updated : Dec 27, 2023 18:35 IST
एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव।
Image Source : PTI एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी 5 दिवसीय रूस यात्रा के दौरान रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर द्विपक्षीय वार्ता भी की है। जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध “बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं।” भारत और रूस की इस जुगलबंदी को देखकर दुनिया के तमाम देश हैरान हैं। जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग, अंतरराष्ट्रीय सामरिक स्थिति, युद्ध और तनाव पर चर्चा की। जयशंकर ने शुरुआती बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समय-समय पर एक दूसरे से बात करते रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को जी20, संघाई सहयोग संगठन, आसियान, और ब्रिक्स जैसे मंचों के जरिए कई बार और नियमित रूप से एक दूसरे से बात करने का मौका मिला है। जयशंकर ने कहा, “हमारे संबंध बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं। और मुझे लगता है कि हम एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर खरे उतरे हैं। इस साल हम पहले ही छह बार मिल चुके हैं और यह सातवीं बैठक है।” उन्होंने कहा कि आज की बैठक के दौरान दोनों पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे, इसे बदलती परिस्थितियों और मांगों के अनुसार समायोजित करेंगे।
 

अंतरराष्ट्रीय सामरिक स्थितियों समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा

विदेश मंत्री ने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय सामरिक स्थिति, संघर्षों और तनावों पर चर्चा करेंगे, साथ ही ग्लोबल साउथ के सामने आने वाली विकास संबंधी चुनौतियों और निश्चित रूप से बहुपक्षवाद व बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।" ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। जयशंकर ने कहा कि इस साल दोनों पक्ष सहयोग की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के गवाह बने। उन्होंने कहा, "हम निरंतर प्रगति देखकर बहुत खुश हैं और हमें जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में रूस की ओर से मजबूत भागीदारी की उम्मीद है।" लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत लंबे समय से चले आ रहे हैं और बहुत अच्छे हैं, साथ ही यह देखना सुखद है कि वे वर्तमान समय में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। (भाषा)
 

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