Highlights
- अंतरिक्ष भारत और चीन पर गिर सकता है!
- रूसी अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख ने की चेतावनी के क्या हैं मायेने?
- रूस पर लगे प्रतिबंध क्या पुतिन को रोक सकेंगे?
मॉस्को: रूस द्वारा यूक्रेन में हमले जारी हैं और रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है। इनसब घटनाक्रम के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, जापान, कनाडा, ताइवान और न्यूजीलैंड ने बैंकों, तेल रिफाइनरियों और सैन्य निर्यात को लेकर रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने कहा, पश्चिमी शक्तियां रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से सभी उपायों को लागू कर रहे हैं। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध रूसी सेना के बढ़ते कदमों को रोकने में कितने कारगर होंगे? ये देखना अभी बाकी है। इन सब के बीच भारत और चीन को लेकर खतरे की घंटी मंडरा रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन को लेकर चिंता बढ़ी
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि मॉस्को पर लगाए गए कई प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र (आईएसएस) पर “हमारे सहयोग को नष्ट” कर सकते हैं और वाशिंगटन से पूछा कि क्या वह भारत व चीन को “500 टन की संरचना उन पर गिरने की आशंका” के साथ खतरे में डालना चाहता है। रूस और अमेरिका आईएसएस कार्यक्रम में प्रमुख भागीदार हैं, जिसमें कनाडा, जापान, फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे कई यूरोपीय देश भी शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की
गुरुवार को यूक्रेन के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा “विशेष सैन्य अभियान” का आदेश दिए जाने के बाद, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति अवरुद्ध करने, निर्यात नियंत्रण लागू करने और पुतिन के करीबियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सीएनएन की खबर के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा गुरुवार को नए प्रतिबंधों की घोषणा कि रूस के “अंतरिक्ष कार्यक्रम सहित उनके एयरोस्पेस उद्योग” को “प्रतिष्ठाहीन” किया जाएगा, रोस्कोस्मोस के महानिदेशक दिमित्री रोगोज़िन ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि आईएसएस की कक्षा और अंतरिक्ष में स्थान रूसी इंजनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।रोस्कोस्मोस के महानिदेशक दिमित्री रोगोज़िन ने किया ट्वीट
रोगोजिन ने रूसी भाषा में ट्वीट किया, “यदि आप हमारे साथ सहयोग को बाधित करते हैं, तो कौन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को अनियंत्रित होकर कक्षा से बाहर जाने और अमेरिका या यूरोप में गिरने से बचाएगा?” उन्होंने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर जाए। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने पूछा, “क्या आप उन्हें ऐसे परिदृश्य से खतरे में डालना चाहते हैं? आईएसएस रूस के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है, इसलिए सभी जोखिम आपके हैं। क्या आप उनके लिए तैयार हैं?”
क्या आप आईएसएस पर हमारे सहयोग को नष्ट करना चाहते हैं?
न्यूयॉर्क स्थित एक खगोल विज्ञान समाचार वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है, “क्या आप आईएसएस पर हमारे सहयोग को नष्ट करना चाहते हैं?” इसमें कहा गया कि आईएसएस का रूसी खंड पूरे परिसर के लिए मार्गदर्शन, नेविगेशन (वायुयान संचालन) और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है। रूसी प्रगति आईएसएस के लिए आवधिक कक्षा-बढ़ाने का भी काम देखती है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत नीचे न आ जाए।
नासा ने रोगोजिन की टिप्पणियों पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है
सीएनएन की खबर में शुक्रवार को कहा गया है कि नासा ने रोगोजिन की टिप्पणियों पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी “रोस्कोस्मोस और कनाडा, यूरोप व जापान में हमारे अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सुरक्षित और निरंतर आईएसएस संचालन बनाए रखने के लिए काम करना जारी रखेगी।” उसने कहा कि फिलहाल आईएसएस में नासा के चार, रूस के दो और यूरोप का एक अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं और काम कर रहे हैं।