Highlights
- रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दिया भाषण
- 3 लाख अतिरिक्त जवानों की होगी तैनाती
- अमेरिका और ब्रिटेन ने जताई चिंता
Russia Putin: आर या पार... रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अपने भाषण में जो बातें कहीं, उससे कुछ ऐसा ही लग रहा है। मानो वह यूक्रेन युद्ध को अब और लंबा नहीं खींचना चाहते। लेकिन इसे खत्म भी इस अंदाज में करना चाहते हैं, कि उनकी वाहवाही तनिक भी कम न हो। 24 फरवरी से जारी इस युद्ध को 2 दिन बाद 7 महीने का वक्त पूरा हो जाएगा। हालात कुछ ऐसे हैं कि रूसी सेना कमजोर पड़ रही है। पश्चिमी देशों से मिले आधुनिक हथियारों की बदौलत यूक्रेन के सैनिक अपनी कब्जाई हुई जमीन को वापस पा रहे हैं। पुतिन की सेना का उत्साह कम हो रहा है। ऐसे में अब इस बात की आशंका बढ़ गई है कि पुतिन कुछ बड़ा करने की कोशिश में हैं। जिससे युद्ध और लंबा न खिंचे, लेकिन साथ ही रूस की जीत पक्की हो सके।
यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की है और इसे आवश्यक बताते हुए कहा कि रूस 'पूरी पश्चिमी सैन्य मशीनरी' से लड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 ‘रिजर्विस्ट’ (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है। पुतिन ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में पश्चिम से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और ‘यह कोरी बयानबाजी’ नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ होगी।
क्या होता है रिजर्विस्ट का मतलब?
रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है, जो ‘मिलिट्री रिजर्व फोर्स’ का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है, जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है। पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, यूक्रेन की सेना द्वारा रूसी सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और मुक्त कराए गए क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों को बुलाना आवश्यक था। उनके इस संबोधन के ठीक एक दिन पहले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों ने घोषणा की थी कि वे रूस का अभिन्न अंग बनने के लिए 23 से 27 सितंबर के बीच जनमत संग्रह कराएंगे।
पुतिन के संबोधन के तुरंत बाद, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने घोषणा की कि आंशिक तैनाती लिए 3,00,000 लोगों को बुलाया जाएगा। उन्होंने रशिया-24 टीवी से कहा, 'तीन लाख रिजर्व सैनिकों को बुलाया जाएगा।' यूक्रेन में अमेरिकी राजदूत ब्रिगेट ब्रिंक ने पुतिन की घोषणा को 'कमजोरी' का संकेत बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि झूठे जनमत संग्रह के साथ और सेना भेजना कमजोरी और रूसी नाकामी के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि रूस द्वारा बलपूर्वक हथियाए गए यूक्रेनी इलाके पर रूसी दावे को अमेरिका कभी मान्यता नहीं देगा और जितना भी समय लगे, अमेरिका हमेशा यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा।
ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि सैनिकों को जुटाने के पुतिन के फैसले से पता चलता है कि उनका आक्रमण नाकाम हो रहा है। वालेस ने एक बयान में कहा कि पुतिन और उनके रक्षा मंत्री ने अपने हजारों नागरिकों को मौत के लिए भेज दिया, जो न तो ठीक से सुसज्जित हैं और न ही उनका नेतृत्व सही है।
रूस को कमजोर करने की कोशिश
पुतिन ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि पश्चिम रूस को कमजोर करने, विभाजित करने और अंततः नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा 'वे अब खुलेआम कह रहे हैं कि 1991 में वे सोवियत संघ को विभाजित करने में सफल रहे और अब रूस के साथ भी ऐसा ही करने का समय आ गया है, जिसे कई क्षेत्रों में विभाजित किया जाना चाहिए।’ उन्होंने यूक्रेन सरकार पर भाड़े के विदेशी सैनिकों और राष्ट्रवादियों, ‘नाटो’ मानकों के अनुसार प्रशिक्षित सैन्य इकाइयों को लाने और पश्चिमी सलाहकारों से आदेश लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज रूसी सैनिक 1,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा रेखा पर लड़ रहे हैं और वे न केवल नव-नाजी इकाइयों के खिलाफ बल्कि पश्चिम की पूरी सैन्य मशीनरी के खिलाफ लड़ रहे हैं।
पुतिन का यह बयान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के मध्य आया है, जिसमें रूस को जनमत संग्रह योजना को लेकर चेतावनी दी गई है। रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों पर ‘परमाणु ब्लैकमेलिंग’ करने का आरोप लगाया, साथ ही ‘रूस के खिलाफ जनसंहार के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना संबंधी नाटो देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों के बयानों’ का भी जिक्र किया। पुतिन ने कहा, ‘जो रूस के संबंध में इस प्रकार के बयान देते हैं, मैं उन्हें यह याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश में भी तबाही के अनेक साधन हैं, जो नाटो देशों से अधिक आधुनिक हैं। जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा किया जाएगा तो रूस की और अपने लोगों की रक्षा के लिए हम हमारे पास मौजूद सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे।’
रूस के 5,937 जवानों की हुई मौत
पुतिन ने कहा, ‘हम केवल आंशिक तैनाती की बात कर रहे हैं, ऐसे नागरिक जो रिजर्व में हैं उनकी अनिवार्य तैनाती की जाएगी। उनमें भी सबसे पहले जो सशस्त्र बलों में सेवाएं दे चुके हैं, उनके पास अनुभव है और दक्षता है, वह आएंगे।’ रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक यूक्रेन के साथ सैन्य अभियान में रूस के 5,937 जवान मारे गए हैं और यूक्रेन के 61,207 सैनिक मारे गए हैं। पश्चिम का अनुमान है कि मॉस्को के दावे के विपरीत उसके कहीं ज्यादा सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं। पुतिन ने कहा, ‘जिन खतरों का सामना हम कर रहे हैं, उनसे हमारे देश, उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए आंशिक तैनाती का निर्णय सर्वथा उचित है।’
इससे पहले दिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के कब्जे में आए यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में जनमत संग्रह कराने की योजना को ‘कोरी बकवास’ बताते हुए खारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने शुक्रवार से शुरू होने जा रही इस कवायद की निंदा करने के लिए यूक्रेन के सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। जेलेंस्की ने रात के वक्त देश को संबोधित करते हुए कहा कि योजना को लेकर कई प्रश्न हैं। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वे रूसी बलों के कब्जे में आए क्षेत्रों को वापस लेने की प्रतिबद्धताओं को बदल नहीं सकते।