Russia Nuclear Doctrine: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक नई परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। नई नीति में घोषणा की गई है कि किसी भी परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित देश अगर रूस पर हमला करता है तो इसे उनके देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा। पुतिन ने परमाणु निवारक संबंधी नई नीति का समर्थन 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में सैनिकों को भेजने वाले हमले के 1,000वें दिन पर किया है। नई नीति में कहा गया है कि यदि ‘‘रूस या उसके सहयोगियों के क्षेत्र को लक्ष्य करके बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है तो रूस अपने परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है।’’ संशोधित नीति में यह परिकल्पना की गई है कि रूस अपने सहयोगी बेलारूस के खिलाफ हमले के जवाब में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
रूस के सख्त तेवर
रूस ने इस बदलाव में कन्वेंशनल मिसाइल के हमले के साथ-साथ ड्रोन या दूसरे एयरक्राफ्ट के अटैक को भी शामिल किया है। न्यूक्लियर सिद्धांतों में हुए बदलाव के अनुसार, रूस के खिलाफ किया गया ऐसा हमला, अगर किसी गठबंधन के सदस्य देश की ओर से होता है तो मॉस्को इस आक्रमण को पूरे गठबंधन की ओर से किया गया हमला मानेगा। यानी अगर अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ होता है तो रूस इसके लिए पूरे NATO गठबंधन को जिम्मेदार मानेगा।
रूस ने क्यों उठाया कदम?
यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलने से रूस भड़क गया है। रूस की तरफ से यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन को अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने की अनुमति दी थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से तनाव बढ़ेगा। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक पेस्कोव ने कहा, "यदि ऐसा निर्णय वास्तव में लिया गया है और कीव शासन को सूचित किया गया है तो निश्चित रूप से यह तनाव में वृद्धि का एक नया दौर होगा।'
जेलेंस्की ने कही थी यह बात
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि हमले के बारे में कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, "शब्दों से वार नहीं किया जाता। ऐसी चीजो की घोषणा नहीं की जाती है, रॉकेट बोलेंगे।" गौर करने वाली बात यह भी है कि रूस पर कोई भी बड़ा हवाई हमला परमाणु प्रतिक्रिया को जन्म दे सकता है। ऐसे में इस नीति पर हस्ताक्षर पुतिन की पश्चिमी देशों को पीछे हटने को मजबूर करने के लिए रूस के परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने के संकेत को दर्शाता है। (भाषा)
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