Highlights
- पुतिन ने लागू किया मार्शल लॉ
- यूक्रेनी इलाकों में होगा लागू
- कब्जे वाले इलाके भी शामिल
Russia Ukraine Martial Law: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के चार क्षेत्रों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है। उन्होंने रूस के सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त आपातकालीन शक्तियां भी प्रदान कर दीं। पुतिन ने मार्शल लॉ के तहत उठाए जाने वाले कदमों को तत्काल स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन कहा है कि उनका आदेश बृहस्पतिवार से प्रभावी होगा। उन्होंने अपने आदेश में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को विशिष्ट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
इस दौरान रूसी सेना ने अपने कब्जे वाले इलाकों को आम लोगों से खाली करा लिया है। दक्षिणी शहर खेरसॉन में यूक्रेन के जवाबी हमले के साथ ही 2,50,000 से अधिक लोगों, उद्योगों और एक प्रमुख बंदरगाह वाले शहर में यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई सर्दियों में भी जारी रहने की आशंका है। सुरक्षा परिषद की बैठक की शुरुआत में पुतिन ने टेलीविजन पर कहा, ‘हम रूस की सुरक्षा और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, अपने लोगों की रक्षा के लिए बहुत कठिन चीजों को हल करने के वास्ते काम कर रहे हैं।‘
रूस की संसद ने मुहर लगाई
उन्होंने कहा, ‘जो लोग अग्रिम पंक्ति में तैनात हैं या फायरिंग रेंज और प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें हमारे समर्थन को महसूस करना चाहिए और यह जानना चाहिए कि उनके पीछे हमारा बड़ा, महान राष्ट्र और एकजुट लोग हैं।’ रूस की संसद के ऊपरी सदन ने चार क्षेत्रों में मार्शल लॉ लागू करने के पुतिन के फैसले पर तुरंत मुहर लगा दी। मसौदा कानून इंगित करता है कि इसमें यात्रा और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध, सख्त सेंसरशिप और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए व्यापक अधिकार शामिल हो सकते हैं।
क्षेत्र के प्रमुखों को दीं अतिरिक्त शक्तियां
पुतिन ने अपने आदेश के तहत रूसी क्षेत्रों के प्रमुखों को दी जाने वाली अतिरिक्त शक्तियों का विवरण भी नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में, मैं सभी रूसी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त शक्तियां देना आवश्यक समझता हूं।’ रूसी नेता ने यूक्रेन में लड़ाई के मद्देनजर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक समन्वय समिति की स्थापना का भी आदेश दिया, जिसे उन्होंने ‘विशेष सैन्य अभियान’ करार दिया। सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन के आदेश से रूस की सीमाओं को बंद करने का अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए।
खेरसॉन के एक नागरिक ने फोन पर बताया कि उसने रूसी सेना का काफिला शहर से निकलते हुए देखा है। उसके अनुसार, उसने इस दौरान हजारों लोगों को बसों और अन्य वाहनों में सवार होने के लिए लाइनों में खड़े हुए देखा। नागरिक ने कहा, “यह एक संगठित निकासी के बजाय एक दहशत की तरह दिखता है। लोग किराने की दुकानों में आखिरी बचा हुआ किराने का सामान खरीद रहे हैं और खेरसॉन बंदरगाह की ओर भाग रहे हैं, जहां हजारों लोग पहले से ही जाने का इंतजार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर ये रूसी समर्थक अधिकारी, राज्य कर्मचारी, बच्चों वाले परिवार और बुजुर्ग हैं जो भाग रहे हैं। विस्फोटों, मिसाइलों और शहर की संभावित नाकेबंदी की बातचीत से लोग डरे हुए हैं।’
मार्शल लॉ क्या होता है?
मार्शल लॉ जिस भी देश या क्षेत्र में लगाया जाता है, वहां की शासन व्यवस्था आम जनता या सरकार के बजाए सेना के हाथों में आ जाती है। इसी वजह से इसे सैनिक कानून या फिर आर्मी एक्ट भी कहा जाता है। इस कानून के लागू होते ही देश या क्षेत्र से नागरिक कानून हट जाता है और सेना का नियंत्रण शुरू हो जाता है।
इस दौरान सेना के पास कौन से अधिकार होते हैं?
- सेना को कोई भी कदम उठाने के लिए नागरिकों, सरकार या फिर मंत्रियों की इजाजत नहीं लेनी पड़ती।
- लोगों से उनके नागरिक अधिकार ले लिए जाते हैं।
- जो कोई भी मार्शल लॉ के खिलाफ बोलता है, या इसके खिलाफ लोगों को भड़काता है, उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है।
- सेना कितने भी वक्त तक किसी को हिरासत में रख सकती है।
- मार्शल लॉ के दौरान सेना ही किसी न्याय का फैसला करती है।