मॉस्को: मॉस्को की एक कोर्ट ने सोमवार को ‘क्रेमलिन’ (रूसी सरकार) के एक शीर्ष विरोधी को देशद्रोह और रूसी सेना को बदनाम करने के आरोप में दोषी ठहराया और 25 साल कैद की सजा सुनाई। एक प्रमुख विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्जा, जूनियर दो बार जहरखुरानी से बचे। उन्होंने रूस की सरकार को इसके लिए आरोपी ठहराया था।
पुतिन के कार्यकाल को बताया ‘हत्यारों का युग’
बता दें कि कारा मुर्जा एक साल पहले अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में बंद है। कारा मुर्जा की गिरफ्तारी मॉस्को स्थित उनके घर के बाहर से की गई है। इस गिरफ्तारी के बाद पुतिन पर कई सवाल खड़े हो गए थे। पुतिन की तुलना अब एक तानाशाह शासक के रूप में की जा रही है। कारा मुर्जा को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक, युद्ध का विरोध करने वाले और पुतिन के कार्यकाल को ‘हत्यारों का युग’ बताने वाले के तौर पर जाना जाता है।
विपक्षी नेता ने की थी यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई की निंदा
वहीं, कारा मुर्जा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीतिक बताकर खारिज कर दिया और उनके खिलाफ चल रही न्यायिक कार्यवाही की तुलना सोवियत तानाशाह जोसेफ स्टालिन के शासन के दौरान ‘शो ट्रायल’ से की। कारा-मुर्जा ने 15 मार्च को एरिजोना हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में भाषण दिया था जिसमें उन्होंने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा की थी। इस भाषण के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। जब वह हिरासत में थे तब जांचकर्ताओं ने देशद्रोह के आरोपों को जोड़ा।
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यूक्रेन में सेना भेजने के बाद रूस ने लागू किया था कानून
रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में सेना भेजने के तुरंत बाद अपनी सेना के बारे में “झूठी जानकारी” फैलाने को अपराध की श्रेणी में शामिल करने वाला कानून लागू किया था। रूसी सरकार यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई को ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहती है और उसकी आलोचना को दबाने के लिए अधिकारियों ने कानून का इस्तेमाल किया है।