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Russia Z Mark: रूस के सैन्य हथियारों पर बनाया जा रहा Z का निशान, अब पनडुब्बी पर भी दिखा, इससे आखिर पुतिन को क्या फायदा हो रहा है?

रूसी सैन्य वाहनों और पनडुब्बियों पर बना ये जिगजैग का निशान अंग्रेजी के Z अल्फाबेट के जैसा है। सबसे बड़ी बात ये है कि रूसी भाषा की वर्णमाला में कोई Z ही नहीं है।

Written By: Shilpa
Published : Jul 26, 2022 17:29 IST, Updated : Jul 26, 2022 17:37 IST
Russian Vehicles Z Mark
Image Source : PTI/TWITTER Russian Vehicles Z Mark

Highlights

  • यूक्रेन युद्ध के बाद से Z का इस्तेमाल कर रहा रूस
  • रूस के सैन्य वाहनों पर दिखाई दे रहा Z का निशान
  • पनडुब्बी के ऊपर भी बना देखा गया है Z मार्क

Z Mark on Russian Weapons: रूस और यूक्रेन जंग के बीच पूरी दुनिया का ध्यान रूसी सैन्य वाहनों पर बने Z के निशान पर खूब गया। यही निशान रूस के यूक्रेन में तैनात बख्तरबंद वाहनों, सैन्य ट्रक और टैंकों पर देखा गया। अब यही निशान पहली बार रूसी नौसेना की बैलिस्टिक मिसाइल वाली पनडुब्बी पर बना पाया गया है। ये पनडुब्बी परमाणु मिसाइलों के साथ आर्कटिक महासागर में पेट्रोलिंग कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि रूस अपनी आक्रामकता दिखाने के लिए Z का निशान दिखा रहा है। यही कारण है कि उसने अपनी पनडुब्बियों तक पर यही निशान बना दिया है। 

नेवल न्यूज की खबर के अनुसार, रूसी सैन्य वाहनों और पनडुब्बियों पर बना ये जिगजैग का निशान अंग्रेजी के Z अल्फाबेट के जैसा है। सबसे बड़ी बात ये है कि रूसी भाषा की वर्णमाला में कोई Z ही नहीं है। यही वजह है कि Z कभी कभार सेना से जुड़े सामान पर बना दिख जाता है। ऐसे में रूस की परमाणु पनडुब्बियों पर इसके बने होने का सीधा संबंध यूक्रेन में जारी जंग से है। इस निशान को अब रूस की आक्रामकता से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में पुतिन ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि रूसी नौसेना आर्कटिक महासागर में भी उतनी ही आक्रामकता के साथ पेट्रोलिंग करेगी, जितनी आक्रामक वो यूक्रेन में बनी हुई है। 

सेवेरोमोर्स्क बंदरगाह पर दिखी पनडुब्बी

रूसी नौसेना की ये Z के निशान वाली पनडुब्बी जुलाई में सेवेरोमोर्स्क बंदरगाह पर देखी गई है, जो बेरेंट्स सागर के तट पर स्थित है। यह रूस की Borei ए क्लास परमाणु पावर बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। नेवल न्यूज की खबर के मुताबिक, जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वह रूस के सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में दिखाई दे रही पनडुब्बी के जैसी ही हैं। पनडुब्बी वर्तमान में बेरेंट्स सागर और आर्कटिक महासागर में पेट्रोलिंग कर रही है। Borei श्रेणी की पनडुब्बियां आमतौर पर सिक्सटीन RSM-56 बुलावा परमाणु लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस होती हैं।

अमेरिकी की मिसाइल से अधिक शक्तिशाली

रूस की RSM-56 बुलावा मिसाइल अमेरिकी ट्राइडेंट मिसाइल से कहीं ज्यादा शक्तिशाली हैं। इन मिसाइल की मारक क्षमता 8000 किलोमीटर है, यह 6 से 10 MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री वेहिकल्स) ले जाने में सक्षम है। यानी बुलावा मिलाइल के भीतर 6 से 10 मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री वेहिकल्स हैं। जो एक ही बार में अधिक से अधिक टार्गेट का खात्मा कर सकती है। इनमें से प्रत्येक 00-150 किलोटन के परमाणु हथियार से हमला करने में सक्षम है।

रक्षा मंत्रालय ने बताए थे Z और V के मतलब

यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर Z को जीत और V को सच की ताकत का प्रतीक बताया था। हालांकि सैन्य विशेषज्ञों का दावा है कि ये लेटर रूसी सेना के संबंधित क्षेत्रों के अनुसार लिखे गए हैं। इससे उन वाहनों की पहचान होती है, जो रूसी सेना से संबंधित हैं। यानी उसके खुद के हैं। जिन वाहनों पर Z लिखा है, वह रूसी सेना की ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के हैं। दूसरी तरफ जहां स्क्वेयर बॉक्स के अंदर Z लिखा है, वे गाड़ियां क्रीमिया में तैनात रूसी सेना से जुड़ी होती हैं।

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