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रूस ने परमाणु संधि का अनुमोदन रद्द करने वाले प्रस्ताव पर किया मतदान, न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की आशंका बढ़ी

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी संसद के निचले सदन ने परमाणु परीक्षण को रोकने वाली संधि के अनुमोदन को रद्द करने वाले विधेयक को अंतिम मंजूरी दे दी है। अब यह उच्च सदन में जाएगा। पुतिन पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं। लिहाजा विधेयक वहां से भी पास होना तय है। रूस के इस कदम से यूक्रेन पर परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 18, 2023 19:38 IST
रूस का न्यूक्लियर हथियार। - India TV Hindi
Image Source : AP रूस का न्यूक्लियर हथियार।

अमेरिका के साथ परमाणु संधि रद्द करने के फैसले के बाद अब रूस ने एक और बड़े फैसले से दुनिया में सनसनी मचा दी है। यूक्रेन से भीषण युद्ध के बीच रूस की संसद के निचले सदन ने वैश्विक परमाणु परीक्षण निषेध संधि का अनुमोदन रद्द करने वाले विधेयक को बुधवार को अंतिम मंजूरी दे दी है। इससे परमाणु हथियारों के खुले इस्तेमाल की आशंका बढ़ गई है। रूस के इस प्रयास ने यूक्रेन पर परमाणु हमले के खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है। अपने इस फैसले के बाद रूस ने कहा है कि उसका रुख अमेरिका की तरह है, जिसने संधि को कभी अनुमोदित नहीं किया।

रूस के निचले सदन ‘ड्यूमा’ के सदस्यों ने बुधवार को समग्र परमाणु परीक्षण निषेध संधि के अनुमोदन को रद्द करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया। यह विधेयक अब उच्च सदन ‘फेडरेशन काउंसिल’ में जाएगा, जो अगले सप्ताह इस पर विचार करेगा। ‘फेडरेशन काउंसिल’ के सदस्य पहले ही कह चुके हैं कि वे विधेयक का समर्थन करेंगे। संसद में इस विधेयक के लाए जाने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में चेताया था कि मॉस्को अमेरिका के रुख के जवाब में संधि को मंजूरी देने के 2000 के अपने फैसले को रद्द कर सकता है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध संबंधी इस संधि पर हस्ताक्षर तो किए हैं लेकिन इसका अनुमोदन नहीं किया है।

दुनिया में परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाती है संधि

वर्ष 1996 में अपनाई गई यह संधि दुनिया में कहीं भी परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाती है, हालांकि यह कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हुई। अमेरिका के अलावा, इसे चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इजराइल, ईरान और मिस्र द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है। इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि रूस पश्चिमी देशों को यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से हतोत्साहित करने के लिए परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है। कई रूसी विशेषज्ञों ने इसके पक्ष में बात की है। पुतिन ने कहा है कि हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने परमाणु परीक्षण करने की आवश्यकता के बारे में बात की है, लेकिन उन्होंने अभी तक इस मुद्दे पर कोई राय नहीं बनाई है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने पिछले हफ्ते कहा था कि मॉस्को प्रतिबंध का सम्मान करना जारी रखेगा और परमाणु परीक्षण तभी फिर से शुरू करेगा जब वाशिंगटन पहले ऐसा करेगा। (एपी) 

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