पश्चिमी देशों से हथियारों की नई खेप मिलते ही यूक्रेन रूस के खिलाफ बेहद आक्रामक हो गया है। बुधवार को यूक्रेन ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया है। ड्रोन हमले के बाद रूस में आसमान की ऊंचाई तक विकराल काला धुआं उठते देखा जा सकता है। हालांकि रूस ने जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं दी है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को दावा किया कि कीव की सेना ने रात के समय सीमा क्षेत्रों पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, इस दौरान रूसी सेना ने 31 यूक्रेनी ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया।
इसी बीच यूक्रेन को उसके पश्चिमी सहयोगियों से मिलने वाले हथियार और गोला-बारूदों को लेकर अनिश्चिता बढ़ गई है। करीब 20 माह से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान यह कीव की ओर से किया गया सबसे बड़ा ड्रोन हमला प्रतीत होता है। यूक्रेन पिछले तीन महीनों से धीमी जवाबी कार्रवाई पर जोर दे रहा है। हालांकि, कीव के घटते सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति को लेकर चिंता उसके प्रयासों को कमजोर कर सकती है।
नाटो ने किया आगाह
नाटो की सैन्य समिति के प्रमुख एडमिरल रॉब बाउर ने सैन्य भंडार की कमी को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ अब तो बैरल की तलहटी दिखाई देने लगी है।’’ उन्होंने रक्षा उद्योग से उत्पादन को तेज गति से बढ़ाने पर जोर दिया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराने के अपने दावों के लिए कोई साक्ष्य पेश नहीं किये हैं और न ही नुकसान या हताहत होने के बारे में कोई जानकारी साझा की है। यह भी कहा गया कि रूसी विमानों ने रूस के कब्जे वाले क्रीमिया के पश्चिमी हिस्से में समुद्र के रास्ते सैनिकों के एक समूह को तैनात करने के यूक्रेन के प्रयास को विफल कर दिया। हालांकि, रूस के दावों पर यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। (एपी)
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