कीव: रूस ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी देशों ने वार्ता के लिए यूक्रेन से रूसी सैनिकों की पूर्ण वापसी की शर्त रखी है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने दोहराया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन पश्चिम की यूक्रेन से रूसी सैनिको को पहले वापस बुलाए जाने की मांग अस्वीकार्य है।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से पुतिन ने की बात
पेस्कोव के बयान से पहले पुतिन ने शुक्रवार को सुबह जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से फोन पर बात की। शोल्ज के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने पुतिन को यह स्पष्ट किया, ‘‘शीघ्र अति शीघ्र एक कूटनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए, जिनमें रूसी बलों की वापसी शामिल है।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी बृहस्पतिवार को संकेत दिया था कि यदि पुतिन यह दिखाते हैं कि वह आक्रमण को समाप्त करने के लिए गंभीर हैं और यूक्रेन से बाहर निकलना चाहते हैं, तो वह वार्ता के लिए इच्छुक हैं।
बुनियादी ढांचों पर मजबूरी में किए गए हमले-पुतिन
शोल्ज के साथ फोन पर बातचीत के बाद रूस ने एक बयान में कहा कि पुतिन ने पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करके युद्ध को लंबा खींचने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप फिर से लगाया। पुतिन ने कहा कि हाल में यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर रूसी हमले ‘‘मजबूरी में किए गए थे और वे अपरिहार्य’’ थे, क्योंकि यूक्रेन ने क्रीमिया प्रायद्वीप के एक महत्वपूर्ण पुल पर कथित तौर पर बमबारी की थी।
लाखों लोग सर्दी में बिना बिजली के रह रहे
रूस ने क्रीमिया प्रायद्वीप को 2014 में यूक्रेन से अपने कब्जे में लिया था। रूसी सेना यूक्रेन के अहम बुनियादी ढांचों पर अक्टूबर से हमले कर रही है, जिसके कारण लाखों लोग सर्दी के मौसम में बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। शोल्ज के कार्यालय ने कहा कि पुतिन के साथ फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने ‘‘यूक्रेन में विशेष रूप से असैन्य बुनियादी ढांचों पर रूसी हवाई हमलों की निंदा की’’ और कहा कि जर्मनी यूक्रेन की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रूसी हमले में 10 से 13 हजार यूक्रेनी सैनिक मारे गए
इस बीच, यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने शुक्रवार को कहा कि रूसी सेना ने उनके बुनियादी ढांचे पर रॉकेट हमले जारी रखे हैं और यूक्रेन की सैन्य चौकियों पर हवाई हमले किए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के एक शीर्ष सलाहकार ने सैन्य प्रमुखों का हवाला देते हुए कहा कि रूस ने 24 फरवरी को जब आक्रमण किया, तब से 10,000 से 13,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन के मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर यह दुर्लभ टिप्पणी है। यह संख्या पश्चिमी नेताओं के अनुमान से काफी कम है।