Russia Ukraine War: यूक्रेन में खेतों में कहीं बिना फटे रॉकेट मिले रहे हैं तो कहीं मिट्टी में धंसे हुए रॉकेट नजर आ रहे हैं। श्रमिकों को खर-पतवार हटाने के दौरान कलस्टर बम मिला तो चारा भंडार की छत में बम फटने से हुए छेद नजर आ रहा है। यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में खेतीबारी का सारा काम थमा हुआ है। यहां खेतों एवं भवनों को मोर्टारों, रॉकेटों, कलस्टर बमों से बार-बार निशाना बनाया गया। स्थिति ऐसी है कि श्रमिक जमीन में बुआई या गेहूं जैसी फसलों की कटाई करने में असमर्थ हैं।
वेरेस फार्म में खेती का धंधा संभालने वाले विक्टर लुबिनेट्स ने कहा कि फसलों की बुआई-रोपाई एवं कटाई का काम बहाल करना ‘मुश्किल होगा’। उन्होंने कहा कि यदि लड़ाई खत्म हो जाती तो भी पहले खेतों से बिना फटा गोला-बारूद आदि हटाना होगा। वैसे युद्ध समाप्त होने के फिलहाल आसार नहीं हैं। विभिन्न हथियारों की आवाज से आसमान गूंज जाता है और बम एवं गोला-बारूद के फटने से धरती थर्रा जाती है।
लुबिनेट्स ने कहा, ‘‘मुझे इनकी आदत पड़ गई है। पहले दो-चार दिन तो यह बहुत डरावना था लेकिन अब कोई भी व्यक्ति किसी भी चीज का आदी हो ही जाता है।’’ उनके पीछे से धुंए का गुबार दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें काम करना है। यदि हम ये सारी चीजें छोड़ देंगे तो बेआसरा हो जाएंगे, दूसरे किसान भी हताश हो जाएंगे, फिर ऐसे में क्या होगा?’’
कृषि यूक्रेन की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक युद्ध से पहले कृषि का यूक्रेन के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में करीब 20 फीसद हिस्सा तथा निर्यात राजस्व में 40 फीसद हिस्सा था। इस देश को अक्सर यूरोप के लिए अनाज का बड़ा स्रोत कहा जाता है और लाखों लोग अनाज की सस्ती आपूर्ति के लिए यूक्रेन पर आश्रित हैं। लेकिन फरवरी के आखिर में रूस के हमले से यूक्रेन की कृषि को भारी नुकसान पहुंचा है।