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Russia Ukraine War Day 75: विजय दिवस पर रूस ने यूक्रेन में तेज किए हमले, इस्पात संयंत्र बचाने के लिए 2 हजार यूक्रेनी लड़ाके तैनात

रूसी सेना ने दक्षिणी यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए सोमवार को अपने हमले तेज कर दिए। 

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: May 09, 2022 12:34 IST
Russia Ukraine War Day 75- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Russia Ukraine War Day 75

Russia Ukraine War Day 75: रूसी सेना ने दक्षिणी यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए सोमवार को अपने हमले तेज कर दिए। हमले ऐसे समय में तेज किए गए हैं, जब रूस अपना ‘विजय दिवस’ मनाने की तैयारी में है। रूस द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर तत्कालीन सोवियत संघ की जीत की याद में ‘विजय दिवस’ मनाता है। यह जीत नौ मई को ही हासिल की गई थी। मारियुपोल में समुद्र तट पर स्थित विशाल इस्पात संयंत्र, शहर का एकमात्र हिस्सा है जो रूसी नियंत्रण में नहीं है। युद्ध के 11वें सप्ताह में रूसी बलों ने इस्पात संयंत्र पर हमले तेज कर दिए हैं। उनका मुकाबला करने के लिए वहां करीब 2,000 यूक्रेनी लड़ाके तैनात हैं। 

कई मोर्चों पर लड़ाई जारी, मारियुपोल में जीत के करीब

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल के दिनों में आगाह किया था कि रूसी हमले ‘विजय दिवस’ पर और बढ़ सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘विजय दिवस’ पर रेड स्क्वायर पर अपने सैनिकों को संबोधित करते हुए यूक्रेन में किसी तरह की बड़ी उपलब्धी की घोषणा करना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘उनके पास जश्न मनाने की कोई वजह नहीं है। वे यूक्रेन को हराने में कामयाब नहीं हुए हैं। वे दुनिया या नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) को बांटने में कामयाब नहीं हुए। वे केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को अलग-थलग करने और दुनियाभर में एक बहिष्कृत देश बनने में कामयाब हुए हैं।’ हालांकि, कई मोर्चों पर लड़ाई जारी है और रूस, मारियुपोल में जीत के सबसे करीब है। 

युद्धक विमानों, तोपखानों और टैंक से किए जा रहे हमले 

इस्पात संयंत्र में मौजूद यूक्रेन के लड़ाकों ने वहां से निकलने के लिए रूसी बलों द्वारा दी गई समय-सीमा को मानने से इनकार कर दिया था। युद्धक विमानों, तोपखानों और टैंक से हमले किए जा रहे हैं। यूक्रेन के आज़ोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर कैप्टन स्वीतोस्लाव पालमार ने कहा, ‘हम पर लगातार गोलाबारी की जा रही है।’ आज़ोव रेजिमेंट के एक अन्य सदस्य लेफ्टिनेंट इल्या समोइलेंको ने कहा, ‘आत्मसमर्पण अस्वीकार्य है, क्योंकि हम दुश्मन को ऐसा तोहफा नहीं दे सकते।’ मारियुपोल में एक इस्पात संयंत्र के नीचे बंकरों में शरण लिए नागरिकों का अंतिम जत्था भी रविवार देर रात जापोरिज्जिया शहर पहुंच गया था। जापोरिज्जिया की सुनसान सड़कों पर रात के अंधेरे में 10 बसें मारियुपोल इलाके से 174 लोगों को लेकर पहुंचीं। इनमें अजोवस्तल इस्पात संयंत्र से अंतिम दिन बचाए गए 51 में से 30 नागरिक शामिल थे।

बंकरों में शरण लेने को मजबूर 

यूक्रेन में 24 फरवरी को रूस के हमले शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही दिमित्रो स्वीदाकोव ने अपनी पत्नी और 12 साल की बेटी के साथ बंकरों में शरण ले ली थी। उन्होंने बताया कि करीब 50-60 लोगों के साथ एक बंकर में रहते हुए डेढ़ महीना तो ठीक था लेकिन फिर बमबारी तेज हो गयी। भोजन की कमी होने लगी और भोजन पकाने के लिए ईंधन की भी कमी होने लगी, लेकिन फिर उन्हें ‘हैंड सैनेटाइज़र’ मिला जो कोरोना वायरस के कारण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था और ईंधन का अच्छा विकल्प है। 

एक स्कूल पर बमबारी में 60 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका

इस बीच, यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि बिलोहोरिवका के पूर्वी गांव में एक स्कूल पर बमबारी में 60 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। शनिवार को हमले के समय इस स्कूल में बने तहखाने में करीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी। लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ऐर्हिए हैदी ने बताया कि आपात सेवा कर्मियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, ‘लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है।’

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