Highlights
- लावरोव ने सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गैर पैडर्सन के साथ बातचीत के दौरान कई बातें कहीं।
- लावरोव ने कहा कि रूस ने गुतारेस को उनके बयानों के अपने आकलन के बारे में जानकारी दे दी है।
- हाल में गुतारेस ने ऐसे बयान दिए हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत उनके पद के अनुरूप नहीं हैं: लावरोव
मॉस्को: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस पर ‘पश्चिमी देशों के दवाब में आ जाने’ और यूक्रेन पर ऐसे बयान देने का आरोप लगाया, ‘जो उनके पद के अनुरूप नहीं हैं।’ लावरोव ने बुधवार को सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गैर पैडर्सन के साथ बातचीत के दौरान यह कहा। लावरोव ने कहा कि रूस ने गुतारेस को उनके बयानों के अपने आकलन के बारे में जानकारी दे दी है।
‘यूएन चीफ पश्चिमी देशों के दबाव के आगे झुक गए’
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने अपनी खबर में विदेश मंत्री लावरोव के इस बयान के बारे में बताया। लावरोव ने कहा,‘बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आप जिस संयुक्त राष्ट्र महासचिव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वह पश्चिमी देशों के दबाव के आगे झुक गए हैं और हाल में उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत उनके पद के अनुरूप नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि रूस ने (संरा महासचिव) एंतोनियो गुतारेस को उनके बयानों के आकलन से अवगत करा दिया है।
लावरोव ने गुतारेस पर लगाए कई गंभीर आरोप
खबर में बुधवार को कहा गया कि लावरोव के अनुसार, गुतारेस ने यूक्रेन से संबंधित मामले पर मिंस्क समझौते और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने की आवश्यकता का कभी समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा,‘यूक्रेन के हालात के संबंध में महासचिव ने कभी भी सुरक्षा परिषद के मिंस्क उपाय एवं समाधान पैकेज, 2202’ के अनुपालन की आवश्यकता का समर्थन नहीं किया। इसमें सभी मसलों का हल कीव, दोनेत्स्क और लुगांस्क के बीच समन्वय से निकालने की बात कही गयी है।’
रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर किया हमला
लावरोव ने कहा,‘पश्चिमी देशों में किसी ने इसका जिक्र नहीं किया और दुर्भाग्य से महासचिव ने भी इसी उदाहरण का अनुपालन किया।’ बता दें कि रूसी सैनिकों ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया। इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास ‘के ऐसे परिणाम होंगे,जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।'