मुंबई। यूक्रेन के मुद्दे पर भारत के रूख को दुनिया जानना चाहती है। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के बाद अब यूक्रेन के एक मंत्री ने भारत को लेकर बयान दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि भारत उनके युद्ध् से संकटग्रस्त देश को और अधिक सक्रिय रूप से मदद करे।
यूक्रेन के एक मंत्री ने शुक्रवार को भारत से युद्धग्रस्त उनके देश को ‘अधिक सक्रिय रूप से’ समर्थन देने का आग्रह किया। उन्होंने पश्चिमी देशों से रूसी तेल और गैस के निर्यात पर ‘वास्तविक प्रतिबंध’ लगाने का भी आह्वान किया। यूक्रेन के संस्कृति एवं सूचना मंत्री ऑलेक्जेंडर त्काचेंको ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई कई दशक पहले यूरोप में एडोल्फ हिटलर की तुलना में अलग नहीं है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य उनके देश पर पूरी तरह से कब्जा करना और इसकी पहचान को मिटाना है।
उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, ‘क्योंकि यह (भारत) दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति है और मेरा मानना है कि एक स्वतंत्र देश में रहने के अधिकार के लिए यूक्रेन के लोग जिन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ते हैं, वे भारतीय लोगों द्वारा भी साझा किए जाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत आभारी रहूंगा यदि भारत युद्ध के इस समय में अधिक सक्रिय रूप से यूक्रेन का समर्थन कर सके।’ त्काचेंको ने यह टिप्पणी यूक्रेन की भारत से उम्मीद के सवाल पर की जो करीब ढाई महीने से जारी युद्ध में तटस्थ रुख अपनाए हुए है।