Highlights
- 21 साल के सार्जेंट वादिम शिशिमारिन पर उत्तरपूर्वी गांव चुपखिवका में 62 साल के शख्स के सिर में गोली मारने का आरोप है।
- यूक्रेनी आपराधिक संहिता की धारा में वर्णित दंड के तहत उसे आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
- यूक्रेन पर रूसी हमले के 2.5 महीने बाद अब मॉस्को के अन्य पड़ोसियों में भी ऐसे हमलों को लेकर आशंका है।
Russia Ukraine News: यूक्रेन के एक नागरिक की हत्या के आरोपी रूसी सैनिक के खिलाफ शुक्रवार को कीव में मुकदमा शुरू हुआ। यह रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से वॉर क्राइम से जुड़ा पहला मुकदमा है। यूक्रेन की राजधानी में एक छोटे से कोर्ट रूम के अंदर बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे जहां मुकदमे की शुरुआत के लिए संदिग्ध एक छोटे से कांच के रूम में दिखाई दिया। इस मामले ने रूसी बलों द्वारा बार-बार अत्याचार के आरोपों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। 21 साल के सार्जेंट वादिम शिशिमारिन पर उत्तरपूर्वी गांव चुपखिवका में 62 साल के शख्स के सिर में गोली मारने का आरोप है।
सार्जेंट को हो सकती है आजीवन कारावास की सजा
युद्ध के कानूनों और नियमों से संबंधित यूक्रेनी आपराधिक संहिता की धारा में वर्णित दंड के तहत उसे आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। यह हत्या युद्ध के शुरुआती दिनों में हुई थी जब कीव पर हमले के लिए आए रूसी टैंक अप्रत्याशित रूप से वहां से चले गए थे और टैंक चालक दल पीछे रह गया था। यूक्रेन के जवानों ने टैंक चालक दल के सदस्य शिशिमारिन को पकड़ लिया था। यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा जारी वीडियो में उसने एक नागरिक की हत्या करने की बात स्वीकार की है।
‘मैंने उसे एक गोली मारी, और वह गिर गया’
शिशिमारिन ने 28 मई को की गई हत्या पर कहा, ‘मुझे गोली मारने के आदेश थे। मैंने उसे एक (गोली) मारी। वह गिर गया।’ यूक्रेन की सुरक्षा सेवा के मुताबिक शिशिमारिन का वीडियो बयान ‘दुश्मन हमलावर का अपनी तरह का पहला कबूलनामा है।’ यूक्रेन के पूर्वी हिस्से पर कब्जे के रूसी अभियान के बीच यह मुकदमा चलाया जा रहा है। रूसी हमले के युद्धक्षेत्र के अलावा भी कई जगह व्यापक प्रभाव देखने को मिले हैं। यूक्रेन पर रूसी हमले के 2.5 महीने बाद अब मॉस्को के अन्य पड़ोसियों में भी ऐसे हमलों को लेकर आशंका है।
फिनलैंड ने NATO की सदस्यता लेने का मन बनाया
फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने गुरुवार को घोषणा कि कि नॉर्डिक राष्ट्र को NATO की सदस्यता के लिये आवेदन करना चाहिए। NATO का गठन सोवियत संघ से मुकाबला करने के लिये सैन्य रक्षा समझौते के तौर पर हुआ था। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो ने इस सप्ताह कहा था, ‘आपकी (रूस) वजह से यह हुआ है। अपने आप को शीशे में देखो।’ इस घोषणा का मतलब है कि फिनलैंड ने NATO की सदस्यता लेने का अब पूरी तरह मन बना लिया है, लेकिन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले कुछ कार्रवाई अभी बाकी हैं।
रूस से सटे देशों में आशंका, अगला नंबर किसका?
पड़ोसी देश स्वीडन भी आने वाले दिनों में NATO में शामिल होने पर विचार कर रहा है। इससे यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक बदलाव आएगा। स्वीडन 200 सालों तक किसी भी सैन्य गठजोड़ से बचता रहा है जबकि दूसरे विश्व युद्ध में सोवियत के हाथों पराजित होने के बाद फिनलैंड ने तटस्थ रुख अपना रखा था। क्रेमलिन ने चेतावनी दी कि वह प्रतिरोधात्मक ‘सैन्य-तकनीकी’ कदम उठा सकता है। यूक्रेन पर हमले के बाद दोनों देशों में जनमत नाटकीय रूप से NATO के पक्ष में आया है। हमले के बाद रूस से सटे देशों में यह आशंका है कि अगला देश कौन-सा हो सकता है।
पुतिन के लिए झटका होगा यूरोप में NATO का विस्तार
इस तरह के विस्तार से रूस बाल्टिक सागर और आर्कटिक में NATO देशों से घिर जाएगा, जो पुतिन के लिए एक झटका होगा, जिन्हें NATO के विभाजित होने और यूरोप से NATO की वापसी की उम्मीद थी, लेकिन स्थिति इसके विपरीत बन रही है। NATO के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन खुली बाहों से फिनलैंड और स्वीडन का स्वागत करेगा। यूक्रेन को NATO द्वारा हथियारों की आपूर्ति और अन्य सैन्य समर्थन आक्रमण को रोकने की कीव की आश्चर्यजनक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण रहा है।