Highlights
- NATO ने आरोप लगाया कि रूस ने यू्क्रेन से लगी अपनी सीमा के पास करीब 7000 सैनिक और बढ़ा दिए।
- तनाव घटाने वाले रूस से कुछ संकेत मिलने के बाद स्थिति फिर से विपरित दिशा में जाती प्रतीत हो रही है।
- ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा, हम काफी गंभीर हैं और खतरे का सामना करने जा रहे हैं, जो अभी पैदा किया जा रहा है।
कीव: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सहयोगी देशों ने रूस पर आरोप लगाया है कि उसने कुछ सैनिकों के सैन्य अड्डों पर लौटने की बात कह कर विश्व को गुमराह किया, जबकि उसने यू्क्रेन से लगी अपनी सीमा के पास करीब 7000 सैनिक और बढ़ा दिए। गठबंधन ने गुरुवार को चेतावनी दी कि रूसी सैनिकों के जमावड़े (यूक्रेन से लगी सीमा के नजदीक) ने सिर्फ उसके संकल्प को मजबूत किया है। हफ्ते की शुरूआत में तनाव घटाने वाले रूस से कुछ संकेत मिलने के बाद स्थिति फिर से विपरित दिशा में जाती प्रतीत हो रही है।
‘पिछले 48 घंटे में सैनिकों की संख्या में 7,000 तक की वृद्धि’
NATO प्रमुख ने कूटनीतिक समाधान के लिए प्रयास जारी रखने की रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन की पेशकश का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने और अन्य ने चेतावनी दी है कि अमेरिका नीत गठबंधन ने सैनिकों की वह वापसी अब तक नहीं देखी है जिसकी मॉस्को ने घोषणा की थी। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने ब्रसेल्स में पश्चिमी देशों के गठबंधन की एक बैठक से पहले कहा, ‘हमने बयानों के कुछ उलट देखा है। हमने पिछले 48 घंटे में सैनिकों की संख्या में 7,000 तक की वृद्धि देखी है।’
‘हम काफी गंभीर हैं और खतरे का सामना करने जा रहे हैं’
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम काफी गंभीर हैं और खतरे का सामना करने जा रहे हैं, जो अभी पैदा किया जा रहा है।’ उनका यह बयान बुधवार को अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी के बयान के समान है। बता दें कि रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास अपने 1,50,000 सैनिकों को जमा कर रखा है, जिससे यूक्रेन पर आसन्न हमले का अंदेशा पैदा हो गया है। इस बीच, इस सप्ताह रूस ने कई बार कहा कि वह अपने कुछ सैनिकों को सैन्य अड्डों पर वापस बुला रहा है।
‘रूस समर्थित अलगाववादी 2014 से यूक्रेनी सैनिकों से लड़ रहे हैं’
गुरुवार को NATO के सहयोगी देशों ने चेतावनी दी कि वे किसी भी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। वालेस ने कहा, ‘इस सैन्य जमावड़े-रूस के जमीनी लड़ाकू बल का करीब 60 प्रतिशत का परिणाम आपको विपरित प्रभाव देगा।’ इस बीच, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तनाव बढ़ गया है जहां रूस समर्थित अलगाववादी 2014 से यूक्रेनी सैनिकों से लड़ रहे हैं। गुरुवार को लुशांक क्षेत्र में यूक्रेन की गोलाबारी बढ़ गई, जिसे एक उकसावे के तौर पर देखा जा रहा है। (भाषा)