Highlights
- अगर कोई रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने से रोकने की हिमाकत करता है तो परमाणु हथियारों से जवाब दे सकते हैं: पुतिन
- यूक्रेन ने कहा कि रूस ने गुरुवार को भीषण लड़ाई के बाद संयंत्र और उसके आसपास के इलाके को अपने कब्जे में ले लिया।
- अपनी क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा खोने के बाद भी रूस आज दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु देशों में एक है: पुतिन
वारसा: विश्व के किसी नेता द्वारा खुलेआम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दिए जाने को काफी अरसा बीत चुका है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार ऐसा कर ही दिया। उन्होंने अपने हालिया संबोधन में चेतावनी दी कि अगर कोई रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने से रोकने की हिमाकत करता है तो उनके पास जवाब देने के लिए परमाणु हथियार उपलब्ध हैं। उनकी इस धमकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। लोगों के मन में यह सवाल आ रहे हैं कि क्या यूक्रेन पर कब्जे की पुतिन की महत्वाकांक्षा किसी हादसे या गलत अनुमान की वजह से परमाणु युद्ध को हवा दे सकती है।
‘रूस आज भी दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु देशों में एक’
यूक्रेन पर हमले से पहले गुरुवार के अपने संबोधन में पुतिन ने कहा था, ‘तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद सैन्य लिहाज से अपनी क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा खोने के बाद भी रूस आज दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु देशों में एक है। रूस कई अत्याधुनिक हथियारों के लिहाज से भी बेहद मजबूत स्थिति में है। इसके मद्देनजर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि किसी भी संभावित हमलावर को हार का सामना करना पड़ेगा और हमारे देश पर हमला करने के बेहद घातक अंजाम भुगतने होंगे।’
आगे चलकर रूस और अमेरिका के बीच होगा परमाणु युद्ध?
परमाणु प्रतिक्रिया के संकेत देकर पुतिन ने उन आशंकाओं को बल दे दिया है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई आगे चलकर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकती है। महाविनाश के इस मंजर से वे लोग वाकिफ हैं, जो शीतयुद्ध काल में बड़े हुए, जब अमेरिकी छात्रों से परमाणु सायरन बजने पर स्कूल में अपनी डेस्क के नीचे छिपने के लिए कहा जाता था। हालांकि, बर्लिन की दीवार ढहने और तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद यह खतरा धीरे-धीरे खत्म हो गया था, जब दोनों शक्तियां निरस्त्रीकरण, लोकतंत्र और समृद्धि की राह पर बढ़ने लगी थीं।
जापान में परमाणु बम से मारे गए थे लगभग 2 हजार लोग
यही नहीं, 1945 के बाद से किसी भी देश ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है। उस साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान पर इस यकीन के साथ परमाणु बम गिराने के आदेश दिए थे कि यह द्वितीय विश्व युद्ध को जल्द समाप्त करने का सबसे कारगर तरीका होगा। इस कदम ने द्वितीय विश्व युद्ध को खत्म भी किया, लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी में लगभग 2,00,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम आदमी थे। आज भी, दुनियाभर में कई लोग इसे मानवता के खिलाफ अपराध मानते हैं और सवाल करते हैं कि क्या परमाणु हमला करना जरूरी था।
‘रूस ने लड़ाई के बाद चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा किया’
इस बीच यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा नियामक एजेंसी का कहना है कि रूसी सेना द्वारा इसे जब्त किए जाने के बाद, निष्क्रिय किए गए चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के पास के क्षेत्र में सामान्य से अधिक गामा रेडिएशन लेवल का पता चला है। राज्य परमाणु नियामक निरीक्षणालय ने शुक्रवार को कहा कि चेर्नोबिल क्षेत्र में उच्च गामा विकिरण स्तर (higher gamma radiation levels) का पता चला है, लेकिन वृद्धि का विवरण नहीं दिया। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि रूस ने गुरुवार को भीषण लड़ाई के बाद संयंत्र और उसके आसपास के इलाके को अपने कब्जे में ले लिया।