Highlights
- हैरिस ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति कह चुके हैं कि वह अपने देश के लिए केवल शांति चाहते हैं।
- उपराष्ट्रपति ने जर्मनी में आयोजित वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यह बयान दिया।
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के शुरू में हैरिस ने कहा ‘इतिहास में यह निर्णायक क्षण है।
म्यूनिख: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शनिवार को रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर हमला करेगा तो उसे इसकी ‘अभूतपूर्व’ आर्थिक कीमत चुकानी होगी। हैरिस ने कहा कि ऐसे हमले से यूरोपीय देश अमेरिका के और नजदीक आएंगे। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा, ‘इतिहास में यह एक निर्णायक क्षण है।’ हैरिस ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति कह चुके हैं कि वह अपने देश के लिए केवल शांति चाहते हैं। उपराष्ट्रपति ने जर्मनी में आयोजित वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यह बयान दिया।
‘पुतिन ने हमले का फैसला कर लिया है’
इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा था कि वह ‘आश्वस्त’ हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने का निर्णय ले लिया है। हैरिस ने कहा, ‘मैं एकदम साफ शब्दों में कह रही हूं कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा।’ उपराष्ट्रपति का उद्देश्य यूरोपीय देशों को यह बताना है कि पश्चिमी देशों में ‘एकता के माध्यम से शक्ति’ है।
‘हम अपनी जमीन पर शांति चाहते हैं’
हैरिस अपने संबोधन के जरिये मोटे तौर पर यूरोप को संदेश दिया कि पश्चिम के पास ‘एकता की ताकत’ है और यूक्रेन पर आक्रमण होने की स्थिति से रूस के दरवाजे पर नाटो की ओर बड़ी उपस्थिति हो सकती है। बाद में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के शुरू में हैरिस ने कहा ‘इतिहास में यह निर्णायक क्षण है। आपके देश पर किसी भी तरह के खतरे को हम गंभीरता से लेंगे।’ इस पर जेलेंस्की ने कहा,‘हम स्पष्ट रूप से समझते हैं कि क्या हो रहा है। यह हमारी जमीन है और हम शांति चाहते हैं।’
‘यूक्रेन पूरे यूरोप की रक्षा कर रहा है’
जेलेंस्की ने और अधिक सैन्य और आर्थिक सहायता के अनुरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि पश्चिमी सहयोगी ‘विशेष कदम’ उठाएं। जेलेंस्की ने रेखांकित किया कि रूसी सेना उनके देश की सीमा पर मौजूद है और यूक्रेन की सेना वास्तव में ‘पूरे यूरोप की रक्षा’ कर रही है। बता दें कि रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर वर्ष 2014 में कब्जा कर लिया था और रूस समर्थित अलगाववादी गत 8 साल से देश के पूर्वी हिस्से में लड़ रहे हैं। क्रीमिया पर कब्जे को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे।
‘रूस की कथनी और करनी में अंतर है’
यूक्रेन से लगती सीमा पर रूस के करीब डेढ़ लाख सैनिकों के जमावड़े के बाद पश्चिम को यूक्रेन पर हमले की आशंका है। हैरिस ने कहा कि बायडेन प्रशासन ने अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर कूटनीतिक समाधान निकालने के लिए मॉस्को से बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन क्रेमलिन की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं आई। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘रूस लगातार यह कह रहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, जबकि इसी दौरान वह कूटनीतिक समाधान के रास्ते भी बंद कर रहा है। उनकी कथनी और करनी में अंतर है।’ (भाषा)