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Russia Ukraine News: रूस-यूक्रेन युद्ध में डीपफ़ेक राष्ट्रपति का भी हो रहा इस्तेमाल, जानिए क्या है यह तकनीक?

रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं युद्ध के साथ अब टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भी लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। जानिए इस युद्ध में भ्रामक जानकारियों को लेकर ये डीपफ़ेक वीडियो क्या दर्शाते हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 19, 2022 13:04 IST
Volodymyr Zelenskyy- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO Volodymyr Zelenskyy

रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं युद्ध के साथ अब टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भी लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। ट्विटर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक ऐसा डीपफ़ेक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें वो युद्ध समाप्त करने की घोषणा कर रहे हैं। इसी बीच, इस सप्ताह यूट्यूब और मेटा ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की का एक डीपफ़ेक वीडियो हटाया जिसमें वो रूस के समक्ष आत्मसमर्पण की बात कर रहे हैं। युद्ध में दोनों ही पक्ष प्रभावित करने वाले मीडिया कंटेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। जानिए इस युद्ध में भ्रामक जानकारियों को लेकर ये डीपफ़ेक वीडियो क्या दर्शाते हैं।

क्या लोग वाक़ई में उन पर यक़ीन कर रहे हैं?

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का डीपफ़ेक बहुत विश्वसनीय नहीं था और यूक्रेन में बहुत से लोगों ने इसे मज़ाक में लिया। इस वीडियो में वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की एक पोडियम के पीछे से बोल रहे हैं। वे यूक्रेन के लोगों से हथियार डालने के लिए कह रहे हैं। वीडियो में उनका सिर शरीर के मुक़ाबले अधिक बड़ा और धुंधला नज़र आ रहा है। यही नहीं उनकी आवाज़ भी अधिक ग़हरी सुनाई दे रही है। अपने अधिकारिक इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में असली राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस वीडियो को बचकाना हरकत बताया है। लेकिन यूक्रेन के सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशन ने चेतावनी दी है कि रूस की सरकार ऐसे ही डीपफ़ेक वीडियो का इस्तेमाल करके यूक्रेन के लोगों को हथियार डालने के लिए उकसा सकती है।

सोशल मीडिया पर तुरंत हटाया गया वीडियो

मेटा के सिक्यूरिटी पॉलिसी प्रमुख नैथेनियल ग्लाइशर ने ट्विटर पर कई सिलसिलेवार ट्वीट कर के बताया है कि उन्होंने तुरंत डीपफ़ेक वीडियो की समीक्षा की और इसे भ्रामक मीडिया को लेकर कंपनी की पॉलिसी के तहत हटा दिया गया। वहीं यूट्यूब का भी कहना है कि उसने भी भ्रामक जानकारियों को लेकर अपनी नीति के तहत इस वीडियो को हटा दिया है। डीपफ़ेक्स किताब की लेखिका नीना श्चिक के मुताबिक ज़ेलेंस्की के वीडियो को डिलीट करना सोशल मीडिया कंपनियों के लिए आसान जीत की तरह था, क्योंकि ये वीडियो इतना बदतर था कि इसे आम दर्शकों ने भी आसानी से पकड़ लिया।

जानिए क्या है यह डीपफ़ेक, इस तकनीक कई हैं चेहरे

रिश्तेदारों के पुराने तस्वीरों से डीपफ़ेक एनिमेशन बनाने वाला टूल बहुत चर्चित हुआ है और अब इसे बनाने वाली कंपनी मॉयहेरिटेज एक नया फ़ीचर लाइवस्टोरी लेकर आई हैं जिसके जरिए चरित्र बोल भी सकते हैं। लेकिन पिछले साल जब दक्षिण कोरिया के प्रसारक नेटवर्क एमबीएन ने बताया कि वो अपनी एक न्यूज़रीडर किम जू हा के डीपफ़ेक का इस्तेमाल कर रहा है तब इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया हुई थी। हालांकि राजनीति के क्षेत्र में अभी डीपफ़ेक का इस्तेमाल दुर्लभ ही है।

अगर डीपफ़ेक पकड़ा ना जाए तो?

विटनेस डॉट ओआरजी के निदेशक सेम ग्रेगरी कहते हैं कि ज़ेलेंस्की का वीडियो डीपफ़ेक की समस्या का अच्छा उदाहरण है। ये बहुत अच्छा डीपफ़ेक नहीं था इसलिए शुरुआत में ही पकड़ लिया गया। यूक्रेन ने इसका पर्दाफ़ाश कर दिया था और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने स्वयं सोशल मीडिया पर इसे फ़र्ज़ी बताया। कुछ सप्ताह पहले राष्ट्रपति पुतिन का एक डीपफ़ेक वीडियो आया था और इसे अधिकतर लोगों ने व्यंग्य ही माना था। हालांकि व्यंग्य और भ्रामक जानकारी के बीच रेखा बहुत मोटी नहीं है।

जेलेंस्की का डीपफेक आसानी से पकड़ लिया गया

इस युद्ध में अभी तक पुराने वीडियो और छेड़छाड़ करके बनाए जा रहे मीम अभी तक दुष्प्रचार का सबसे प्रभावी तरीक़ा नज़र आ रहे हैं। ज़ेलेंस्की का डीपफ़ेक न ही बहुत अच्छे से बनाया गया था और न ही ये भरोसा करने लायक था। अभी तक इतना ख़राब डीपफ़ेक हमने नहीं देखा है।लेकिन ये ग़ौर करने वाली बात है कि युद्ध के दौरान एक डीपफ़ेक बनाया गया और उसे साझा किया गया है। हो सकता है कि आगे आने वाले डीपफ़ेक इतने ख़राब न हों।

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