Highlights
- 6 महीनों से जारी इस जंग में कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है।
- जैपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट से रेडिएशन का खतरा बढ़ता जा रहा है।
- रूस का कहना है कि यूक्रेन के 17 गोले न्यूक्लियर पावर प्लांट पर गिरे हैं।
Russia Ukraine News: यूक्रेन और रूस के दावों और प्रतिदावों के बाद यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र से संभावित विकिरण रिसाव के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि रूसी सेनाओं ने यूरोप के सबसे बड़े जैपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट के पास नीपर नदी के उस पार यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों में मिसाइल और तोप से हमले किए हैं। वहीं, रूस का दावा है कि यूक्रेन की ओर से दागे गए गोले उस इमारत पर गिरे हैं जिसमें परमाणु ईंधन को रखा गया है।
अस्थायी रूप से बंद हुआ न्यूक्लियर पावर प्लांट
इस बीच, अधिकारियों ने न्यूक्लियर प्लांट के करीब रहने वाले लोगों के बीच शुक्रवार को आयोडिन की टैबलेट बांटने की शुरुआत की, ताकि रेडिएशन होने की स्थिति में बचाव हो सके। सबसे बड़ी चिंता परमाणु संयंत्र के रिएक्टर को ठंडा रखने की कूलिंग सिस्टम को लेकर है, जिसे चालू हालत में रखने के लिए बिजली की जरूरत होती है। अधिकारियों का कहना है कि आग लगने से ट्रांसमिशन लाइन को हुए नुकसान की वजह से प्लांट को गुरुवार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
प्लांट के लिए बेहद जरूरी है कूलिंग सिस्टम
जानकारों का मानना है कि कूलिंग सिस्टम के बंद होने से परमाणु रिएक्टर के काफी ज्यादा गर्म होने की वजह से हादसा हो सकता है। रूसी सेना ने इस परमाणु संयंत्र पर 6 महीने से जारी लड़ाई की शुरुआत में ही कब्जा कर लिया था और यूक्रेन के कर्मचारी इसे ऑपरेट कर रहे हैं। दोनों पक्ष एक दूसरे पर प्लांट पर गोलाबारी करने का आरोप लगा रहे हैं जिससे इलाके में तबाही मचने की आशंका पैदा हो गई है। यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर ऑपरेटर एनर्गोटम ने शनिवार को कहा कि रुक-रुक कर हो रही गोलाबारी की वजह से ऊर्जा केंद्र के अवसंरचना को क्षति पहुंची है।
‘आग लगने का खतरा बहुत ज्यादा है’
एनर्गोटम ने बताया, ‘हाइड्रोजन और रेडिओऐक्टिव मटीरियल के लीक होने और आग लगने का खतरा बहुत अधिक है।’ ताजा लड़ाई की जानकारी देते हुए निप्रॉपेट्रोस क्षेत्र के गवर्नर वालेंटिन रेजनिचेंको ने बताया कि ग्राड मिसाइल और तोप के गोलों से निकोपोल और मारहानेट्स पर हमले किये गये हैं। यह क्षेत्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट नीपर नदी के उस पार मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित है।
‘यूक्रेन के 17 गोले न्यूक्लियर प्लांट पर गिरे हैं’
हालांकि, रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेंकोव ने दावा किया कि यूक्रेन की सेना ने मारहानेट्स से संयंत्र पर गोलाबारी की। उन्होंने कहा कि पिछले एक दिन में यूक्रेन के 17 गोले संयंत्र पर गिरे हैं जिनमें से 4 गोले उस इमारत की छत पर गिरे हैं, जहां पर परमाणु ईंधन रखा गया है। दोनों पक्षों के दावों की तुरंत पुष्टि नहीं हो सकी है क्योंकि लड़ाई जारी होने की वजह से पत्रकारों की इलाके में आवाजाही पर रोक है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) अपने जांच दल प्लांट में भेजने के लिए समझौता करने का प्रयास कर रही है।
‘IAEA के प्रतिनिधि जल्द से जल्द संयंत्र जाएं’
अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण की तैयारी की जा रही है, लेकिन अबतक साफ नहीं हो पाया है कि यह कब तक संभव होगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यह जरूरी है कि IAEA के प्रतिनिधि जल्द से जल्द संयंत्र जाएं और उसे ‘यूक्रेन के स्थायी नियंत्रण’ में रखने में मदद करें। उन्होंने देश को रात को किए गए अपने सबसे नए संबोधन में कहा, ‘स्थिति खतरनाक बनी हुई है।’