Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी दुनिया में तहलका मचा देने वाली खबर सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि रूस ने पहली बार यूक्रेन युद्ध के मैदान में उत्तर कोरियाई हथियारों और मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। ये उत्तर कोरिया के वही हथियार और घातक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनका परीक्षण करने के लिए किम जोंग को युद्ध मैदान की जरूरत थी। ऐसे में रूस ने यूक्रेन के युद्ध के मैदान को ही उत्तर कोरियाई हथियारों के लिए प्रयोगशाला बना दिया है। फलस्वरूप उत्तर कोरिया के उन हथियारों का सीधे युद्ध के मैदान में परीक्षण हो रहा है, जिसे उसने अमेरिका से मुकाबला करने के लिए बनाया है। यह सूचना मिलते ही अमेरिका में हड़कंप मच गया है।
यूक्रेन में उत्तर कोरियाई मिसाइल का इस्तेमाल होने अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। इससे अमेरिकी तैनाती की योजना को झटका लगा है। एक शीर्ष अमेरिकी जनरल ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन में अपने हमले में उत्तर कोरियाई मिसाइलों का इस्तेमाल प्योंगयांग को युद्ध में अपने हथियारों का परीक्षण करने और शायद ऐसे सबक लेने का एक दुर्लभ मौका दे रहा है जो उनके प्रदर्शन को सुधार कर सकते हैं। यह अमेरिका के लिए खतरा है।
रूस ने उत्तर कोरिया को दे दिया युद्ध का मैदान
यूएस आर्मी पैसिफिक के कमांडिंग जनरल जनरल चार्ल्स फ्लिन ने कहा, जिस तरह से रूस ने यूक्रेन में किम जोंग के लिए युद्ध का मैदान परीक्षण के लिए दे दिया है "मुझे विश्वास नहीं है कि मेरी हाल की स्मृति में उत्तर कोरियाई सेना के पास युद्धक्षेत्र की कोई ऐसी प्रयोगशाला थी। इससे उत्तर कोरिया को तकनीकी मामलों, प्रक्रियाओं और हथियारों के मामले में बहुमूल्य जानकारी हासिल करने का मौका मिल सकता है। फ्लिन ने शनिवार को सियोल से लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) दक्षिण में विशाल अमेरिकी सेना गैरीसन हम्फ्रीज़ की यात्रा के दौरान कहा कि अमेरिका इस पर करीबी से नजर रखेगा कि यह कैसे सामने आता है।
उत्तर कोरिया के इरादे हैं घातक
फ्लिन ने कहा कि अमेरिका समेत अन्य के लिए भी यूक्रेन युद्ध के मैदान में उत्तर कोरियाई हथियारों का इस्तेमाल बड़ी चिंता का विषय है। इससे उत्तर कोरिया अपने हथियारों के बारे में वह सब सीखने में सक्षम होगा, जो युद्ध के मैदान में इन हथियारों का इस्तेमाल किए बगैर पता नहीं चल पाता। फ्लिन ने समय या स्थान के बारे में अधिक जानकारी दिए बिना कहा, अमेरिका जल्द ही भारत-प्रशांत क्षेत्र में मध्य दूरी की क्षमता वाली मिसाइल प्रणाली तैनात करेगा। हालांकि इस तरह का कदम चीन के गुस्से को भड़का सकता है। क्योंकि बीजिंग ने 2019 में चेतावनी दी थी कि अगर क्षेत्र में अमेरिकी सहयोगी मध्यवर्ती दूरी की अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती स्वीकार करते हैं तो उन्हें जवाबी कार्रवाई का जोखिम उठाना पड़ेगा।
रूस को अपनी परमाणु मिसाइल दे रहा उत्तर कोरिया
अमेरिका व दक्षिण कोरिया समेत अन्य देशों ने उत्तर कोरिया पर रूस को अपनी नवीनतम परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें देने का आरोप लगाया है। यह मिसाइलें इतनी खतरनाक हैं कि इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है, तेजी से तैनात किया जा सकता है, मगर इन्हें मार गिराना कठिन है। हथियार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका द्वारा प्रदान की गई कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि वे ह्वासोंग-11 हैं, जो कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की एक विस्तृत श्रेणी है। यह मिसाइल उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य पर हमला कर सकती है। इन मिसाइलों की मारक क्षमता 380 से 800 किलोमीटर तक है।
रूस बढ़ा सकता है अपने हथियारों का भंडार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की मदद से अपने हथियारों का भंडार बढ़ा सकते हैं। विशेषज्ञ सेवा एनके न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खार्कीव में अभियोजकों ने मार्च में कहा था कि रूसी सेना ने आक्रमण की शुरुआत के बाद से यूक्रेन पर लगभग 50 बार उत्तर कोरियाई मिसाइलें दागी हैं। इसमें उत्तर कोरियाई ह्वासोंग -11 परिवार की मिसाइल भी शामिल थी। हथियार विशेषज्ञों ने कहा है कि अब तक भेजी गई उत्तर कोरियाई मिसाइलें आकार और उड़ान की गतिशीलता में रूस की इस्कंदर श्रृंखला के समान हैं।
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की पिछले साल की एक रिपोर्ट से पता चला है कि यूएस पैट्रियट वायु रक्षा प्रणाली अब तक रूस की मिसाइलों का मुकाबला करने में काफी हद तक प्रभावी रही है। अमेरिका के सहयोगी दक्षिण कोरिया और जापान दोनों पैट्रियट बैटरी तैनात करते हैं। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन वायु रक्षा प्रणालियों में एक शक्तिशाली रडार है जो क्रूज़ मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों और विमानों सहित 100 से अधिक लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है।
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