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...तो क्या डर गए पुतिन? US-NATO से सीधे भिड़ना नहीं चाहता रूस, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा

यूक्रेन पर रूस की आक्रमकता बिना किसी वजह की एक ऐसी घटना है, जो पश्चिमी देशों और चीन के साथ रूस के रिलेशन को फिर से एक अलग तरह से देखा जा रहा है। रूस-यूक्रेन में जारी जंग के कई और मायने भी हैं, जो सामने आ रहा है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: March 09, 2023 12:25 IST
व्लादिमीर पुतिन- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO व्लादिमीर पुतिन

अमेरिकी खुफिया समूह का मानना है कि रूस शायद यूएस और नाटो आर्मी के साथ सीधा संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन ऐसा होने की संभावना है। खुफिया समूहों की एनुअल थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यूक्रेन पर रूस की आक्रमकता बिना किसी वजह की एक ऐसी घटना है, जो पश्चिमी देशों और चीन के साथ रूस के रिलेशन को फिर से एक अलग तरह से देखा जा रहा है। रूस-यूक्रेन में जारी जंग के कई और मायने भी हैं, जो सामने आ रहा है। इसकी वजह से बहुत सी अनिश्चित चीजें भी खुलकर सामने आ रही हैं।

सैन्य टकराव बढ़ना बहुत जोखिम भरा हो सकता है

रूस और पश्चिमी देशों के बीच सैन्य टकराव बढ़ना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर दोनों पक्षों में जंग की नौबत आती है, तो यह ऐसा कुछ होगा, जिसका दुनिया ने दशकों में सामना नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, "रूसी नेताओं ने अब तक ऐसी कार्रवाई करने से परहेज किया है, जो यूक्रेन संघर्ष को यूक्रेन की सीमाओं से परे व्यापक बना दे, लेकिन खतरे के बढ़ने के आसार दिख रहे हैं।"

 रूसी की जनता का समर्थन वापस पाने की कोशिश

यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को नाकामी हासिल हुई है। इससे देश की घरेलू स्थिति को चोट पहुंची है। इसके मद्देनजर रूसी सरकार देश की जनता का समर्थन वापस पाने की कोशिश में और ज्यादा आक्रामक रुख अपना रहा है। रिपोर्ट में ये भी दावा है कि अमेरिका रूस को कमजोर करने के लिए यूक्रेन को एक प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। अभी तक यूक्रेन को युद्ध में जो भी कामयाबी मिली है, वो सब अमेरिका की ओर से पहुंचाए गए मदद का नतीजा है। इसके बाद नाटो का हस्तक्षेप आगे रूस को और ज्यादा नुकसान भी पहुंचा सकता है।

रूस अपने हितों को ध्यान में रखता है। इसके लिए रूस यूएस और सहयोगियों के हितों को कमजोर करने की कोशिश करेगा। रूस बहुत सी तैयारी भी करेगा। इसके लिए रूस एक लिस्ट तैयार कर सकता है, जिसमें आर्मी, सिक्योरिटी, साइबर और खुफिया तकनीकों का इस्तेमाल कर सकता है। यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा है।

विदेश नीति को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना जारी रखेगा रूस 

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन पर सहयोग को बल देने और पश्चिमी एकता को कमजोर करने की कोशिश के मद्देनजर रूस विदेश नीति को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना जारी रखेगा। अमेरिकी खुफिया समूह की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस ने यूक्रेनी बंदरगाहों को अवरुद्ध या जब्त करके, अनाज के बुनियादी ढांचे को नष्ट करके, कृषि भूमि के बड़े हिस्से पर कब्जा करके पैदावार को बाधित करने, श्रमिकों को विस्थापित करने और निर्यात के लिए रखे अनाज की चोरी करके भोजन को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इन कार्रवाइयों ने वैश्विक भोजन की कमी और मूल्य वृद्धि को बढ़ा दिया।

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