Highlights
- अमेरिका के दुश्मन देश ईरान आएंगे व्लादिमीर पुतिन
- यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस के पास ड्रोन की कमी
- रूस और ईरान पर अमेरिका ने लगाए हुए हैं प्रतिबंध
Vladimir Putin Iran Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन संग युद्ध के बीच एक बार फिर विदेश दौरे पर हैं। वह ईरान की यात्रा करेंगे। यहां वह अपनी ईरान की पांचवी यात्रा पर ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमनेई से भी मुलाकात करेंगे। इस समय रूस और ईरान दोनों ही देशों का पश्चिम के साथ तनाव चल रहा है, खासतौर पर अमेरिका के साथ। ऐसी स्थिति में ये माना जा रहा है कि पुतिन की इस यात्रा से रूस और ईरान दोनों ही पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने भी हाल में ही कहा था कि उनके इंटेलिजेंस नेटवर्क को पता चला है कि ईरान कई हजार ड्रोन रूस को बेचना चाहता है। इनमें कई हथियार लगे होंगे, जिनका इस्तेमाल यूक्रेन की लड़ाई में किया जा सका है।
सुलिवान ने कहा था कि इस महीने कभी भी रूसी सेना को ईरानी ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग की शुरुआत हो सकती है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस के पास ड्रोन की कमी पड़ रही है, इसी वजह से उसे ईरान से मदद मांगनी पड़ी है। पुतिन के विदेश नीति के सलाहकार यूरी युशाकोव ने कहा कि खमनेई के साथ जरूरी बैठक हुई है। यूरी ने कहा, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को लेकर दोनों के बीच एक विश्वसनीय समझ विकसित हुई है।
तजाकिस्तान-तुर्कमेनिस्तान भी गए थे पुतिन
24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ये पुतिन का दूसरा विदेश दौरा है। इससे पहले वह बीते महीने अपने प्रभाव में आने वाले पूर्व सोवियत देशों तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के दौरे पर गए थे। वहीं इससे भी पहले उनका प्रमुख विदेशी दौरा चीन का था। यहां वह विंटर ओलंपिक के समय गए थे। जिसके चंद समय बाद ही यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हो गई थी। पुतिन का दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के खाड़ी देशों की यात्रा के ठीक बाद शुरू हो रहा है। बाइडेन सऊदी अरब और इजरायल की यात्रा पर गए थे।
अपने दौरे के समय बाइडेन ने इजरायल और सऊदी अरब को आश्वस्त किया कि वह ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। अमेरिका ईरान को 2015 के परमाणु समझौते से वापस जोड़ने के लिए कोशिशें कर रहा है। ये समझौता रूस और चार अन्य देशों के साथ मिलकर किया गया था। हालांकि अमेरिका साल 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस समझौते से बाहर हो गया था। वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार ने इन सबके बीच कहा है कि अब उनके देश के पास परमाणु बम बनाने की तकनीक है।
एर्दोआन से भी मुलाकात करेंगे पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि ईरान यात्रा का मकसद क्षेत्रीय दिग्गजों के साथ संबंधों को गहरा करना है। पुतिन ऐसे समय में ईरान की यात्रा कर रहे हैं, जब अमेरिका और यूरोप, यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान को लेकर उसके विरुद्ध लामबंद हैं। पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ सीरिया में संघर्ष और वैश्विक खाद्य संकट को कम करने के लिए यूक्रेन से अनाज के निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रस्ताव सहित क्षेत्र के समक्ष मौजूद विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
यूक्रेन में जारी युद्ध और पश्चिमी देशों के बढ़ते प्रतिबंधों के बीच पुतिन ईरान के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि ईरान पर भी अमेरिका ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। पुतिन के विदेशी मामलों के सलाहकार यूशाकोव ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ईरान को ‘रूस का एक महत्वपूर्ण साझेदार’ करार देते हुए कहा था कि दोनों देशों ने ‘अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के एक नए स्तर पर ले जाने की इच्छा’ जाहिर की है।