Highlights
- बीच समुद्र से गायब हुई रूस की पनडुब्बी
- खतरनाक ड्रोन टेस्ट की जताई जा रही आशंका
- नाटो ने सदस्य देशों को जारी की चेतावनी
Russia Nuclear Submarine: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध में हार से बचने और बढ़त हासिल करने के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। उनके इन फैसलों की वजह से दुनिया के तमाम देशों के साथ-साथ रूस के नागरिक तक निंदा कर रहे हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि पुतिन के ही आदेश पर रूस की सबसे ताकवर परमाणु पनडुब्बी बेलगोरोड को समुद्र में तैनात किया गया था। नाटो ने सदस्य देशों को इसे लेकर चेतावनी तक जारी की है। ये चेतावनी ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब पता चला है कि पनडुब्बी आर्कटिक सागर से निकलने के बाद रास्ते ही अचानक गायब हो गई। नाटो का ऐसा मानना है कि पनडुब्बी इस वक्त कारा सागर में मौजूद है और इसपर पोसीडॉन परमाणु परीक्षण किया जाएगा।
नाटो की तरफ से जारी किया गया एक नोट इटली की मीडिया के बीच हाल में लीक हो गया था। जिसके बाद ये हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। पोसीडॉन एक ड्रोन है, जो पानी के भीतर ही कई किलोमीटर की यात्रा कर सकता है। ये ड्रोन इतनी ऊर्जा पैदा कर सकता है, जिसके बाद पानी में 16 फीट तक परमाणु सुनामी आ सकती है। ड्रोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह पूरे शहर को जलमग्न कर सकता है और ठीक उसी समय रेडिएशन भी उत्पन्न कर सकता है। ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, अगर ये परीक्षण किया जाएगा, तो यूक्रेन में हार का सामना कर रहे पुतिन एक बार फिर पश्चिमी देशों को डराने की कोशिश करेंगे।
नॉर्ड स्ट्रीम पर हमले को लेकर रूस पर शक
ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि पुतिन ने ही बीते हफ्ते नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन पर हमला करने का आदेश दिया था। वहीं बेलगोरोट को मिशन में रुकावटें पैद करने के लिए आगे रखा गया था। ये पनडुब्बी कई छोटी पनडुब्बियों को ढो सकती है, जो समुद्र के भीतर बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में सक्षम हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यही पनडुब्बी नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन पर हमला करने में शामिल थी। 600 फीट लंबी ये पनडुब्बी दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बियों में से एक है। ऐसी स्थिति में इसके लिए बाल्टिक सागर के भीतर जाना काफी मुश्किल होगा।
सभी की नजर पनडुब्बी की गतिविधियों पर
अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि क्या बेलगोरोड के पास व्हाइट सागर में अपने होम बेस से बाल्टिक सागर तक जाने के लिए पर्याप्त समय था। इन दोनों स्थानों के बीच 3000 मील का अंतर है और हर किसी की नजर पनडुब्बी की गतिविधियों पर है। जब से ये पनडुब्बी गायब हुई है, तभी से नाटो अपने सदस्य देशों को चेतावनी दे रहा है। लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि पनडुब्बी अभी भी आर्कटिक सागर में ही है। ये जानकारी सामने नहीं आई है कि चेतावनी आखिर कब जारी की गई थी लेकिन इटली के मीडिया के मुताबिक, रविवार को ला रिपब्लिका अखबार ने चेतावनी जारी की थी। वहीं बेलगोरोड पनडुब्बी की बात करें, तो यह जुलाई से ही संचालित हो रही है।