Highlights
- आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था आरोपी
- रूसी की सुरक्षा एजेंसी FSB ने की कार्रवाई
- FSB ने एक आत्मघाती हमलावर को हिरासत में लिया
Russia News: रूसी की संघीय सुरक्षा सेवा एजेंसी FSB ने सोमवार को एक बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने बताया कि, "उसके अधिकारियों ने एक आत्मघाती हमलावर को हिरासत में लिया है, जो इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ISIS का एक सदस्य है, जो भारत के बड़े नेताओं के खिलाफ आतंकवादी हमले की साजिश रच रहा था।
रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार, "रूस के FSB ने रूस में प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के एक सदस्य को हिरासत में लिया है, जो मध्य एशियाई क्षेत्र के एक देश का रहने वाला है और उसने भारत में नेताओं के खिलाफ खुद को बम से उड़ाकर आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था। बयान में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए युवक को ISIS के बड़े नेताओं में से एक ने तुर्की में आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया था।
अपनी विचारधारा को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा ISIS
गृह मंत्रालय के मुताबिक, ISIS अपनी विचारधारा को प्रचारित करने के लिए विभिन्न इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है। इस संबंध में संबंधित एजेंसियों द्वारा साइबरस्पेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट को आतंकवादी संगठन के रूप में अधिसूचित किया गया है और केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची में शामिल किया गया है।
ISIS की संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित मामले में हुई थी छापेमारी
वहीं इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने 31 जुलाई को आतंकी संगठन ISIS की संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित मामले में छह राज्यों में संदिग्धों के 13 इलाकों पर छापेमारी की। NIA की इस कार्रवाई में तमाम आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।
इन राज्यों में हुई थी छापेमारी
मध्य प्रदेश में भोपाल और रायसेन जिले, गुजरात में भरूच, सूरत, नवसारी और अहमदाबाद जिले, बिहार में अररिया जिला, कर्नाटक में भटकल और तुमकुर शहर जिले, महाराष्ट्र में कोल्हापुर और नांदेड़ जिले और उत्तर प्रदेश में देवबंद जिले ISIS की गतिविधियों से संबंधित हैं। आपको बता दें कि NIA द्वारा 25 जून 2022 को आईपीसी की धारा 153ए, और 153बी और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18, 18बी, 38, 39 और 40 के तहत मामला दर्ज किया गया था।