Russia Attacks On Ukraine:रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग का सिलसिला जारी है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर ऐसा वार किया है, जिससे उसके सदियों का इतिहास मिट गया है। रूसी सैनिकों के इस अजीबोगरीब हमले की भरपाई अब शायद यूक्रेन कभी नहीं कर सकेगा। इसीलिए कहा जा रहा है कि रूस का यह वार जेलेंस्की के लिए सबसे भारी है। इससे पूरे यूक्रेन में घनघोरसदमा है। रूस ने यह वार बिना किसी हथियार और मिसाइलों के किया है। यूक्रेन ने शायद सोचा भी नहीं रहा होगा कि रूस उस पर इतना घातक वार कर देगा, जिससे वह कभी उबर नहीं पाएगा।
यूक्रेन ने रूस द्वारा दी गई इस तबाही की दास्तान का दर्द ऐसे वक्त बयां किया है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 10 माह के भीषण युद्ध के बाद पहली बार स्वेच्छा से युद्ध खत्म करने की बात की है। युद्ध खत्म होगा या अभी लंबा चलेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। मगर यूक्रेन का यह दर्द उसे सदियों तक अखरता रहेगा। इसकी भरपाई हो पाना असंभव है।
खेरसोन में रूस ने दिया यूक्रेन को बड़ा जख्म
यूक्रेन का सबसे महत्वपूर्ण शहर खेरसोन भले ही रूस के कब्जे से लगभग मुक्त हो गया हो, लेकिन रूस ने जाते-जाते यहां यूक्रेन की विरासत को जमींदोज कर दिया। यूक्रेन का आरोप है कि खेरसेना के संग्रहालय में जहां, उसका सदियों का इतिहास संरक्षित था,उसे रूसी सैनिकों ने नष्ट कर दिया और लूटपाट कर ले गए। आपको बता दें कि रूसी सेना यहां आठ महीने तक कब्जा किए थी। इस दौरान रूसी सैनिकों का खेरसोन में दबदबा था। उन्होंने जो जहां, चाहा और जैसे चाहा वैसे उत्पात मचाया। यूक्रेन अब इस खेरसोने के ऐतिहासिक संग्रहालय का इतिहास हमेशा के लिए मिटा दिए जाने से सबसे ज्यादा आहत हैं। यहां की खाली आलमारियां, टूटे हुए दरवाजे और खिड़कियां इसके इतिहास के मिटने का दर्द बयां कर रहे हैं। यह सदमा जेलेंस्की के लिए सबसे भारी पड़ा है।
यूक्रेन ने कहा यह सबसे डरावना
यूक्रेन के ओल्गा गोंचारोवा ने इस संग्रहालय में करीब 40 वर्षों तक काम किया था। वह कहते हैं कि रूस ने संग्राहल को बर्बाद कर यूक्रेन के इतिहास को मिटा दिया। यह दिल में छूरा घोंपने से भी ज्यादा कष्टदाई है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी यूक्रेनियों के लिए बहुत ही डरावना झटका था। यहां सबकुछ उजड़ा और जर्जर अवस्था में छोड़ दिया गया है। गोंचारोवा ने कहा कि रूसी सैनिकों की इस बर्बरता का उदाहरण देखने के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि जिस महान रूसी संस्कृति के बारे में वे बात करते हैं वह उनमें मौजूद नहीं है। अन्यथा उस देश के सैनिक "संग्रहालय के लिए इतने क्रूर" कैसे हो सकते हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक बयान में कहा कि खेरसोन क्षेत्रीय संग्रहालय शहर के उन चार सांस्कृतिक संस्थानों में से एक है, जहां रूसी सैनिकों ने बड़े पैमाने पर लूटपाट की है। खेरसोन के अलावा सेंट कैथरीन कैथेड्रल और खेरसोन क्षेत्र राष्ट्रीय अभिलेखागार संग्रहालय भी हैं।
यूक्रेन का इतिहास और सांस्कृतिक विरासत अब हो गई रूस की बंधक
ह्यूमन राइट्स वॉच के सहयोगी निदेशक बेल्किस विले ने कहाकि "खेरसॉन निवासियों ने रूसी कब्जे के दौरान पहले ही महीनों की यातना और अन्य दुर्व्यवहारों का सामना किया था और फिर अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को पैक करके ले जाते देखा। यानि कि अब यूक्रेनियों की सांस्कृतिक विरासत और इतिहास रूस के कब्जे में है, उनका बंधक बन चुका है। जबकि यूक्रेनियन चोरी की वस्तुओं को वापस कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के हकदार हैं। खेरसोन संग्रहालय में यूक्रेन के 1 लाख 80 हजार से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएं थीं। इसमें इतिहास के अलावा सोना, दुर्लभ सिक्के, हथियार, सैन्य पदक आदि भी थे।
यूक्रेनी मीडिया ने बताया है कि 2014 में रूस द्वारा कब्जा किए गए काला सागर प्रायद्वीप क्रीमिया में प्रदर्शन के बाद से चोरी की गई वस्तुएं फिर से दिखाई देने लगी हैं। गोंचारोवा ने कहा कि यह सिर्फ लूटपाट का पैमाना नहीं था, बल्कि जिस तरह से इसे अंजाम दिया गया था, उससे वह परेशान थी। यह बर्बर था। उन्होंने सब कुछ कम करने के लिए सब्बल का इस्तेमाल किया। इससे सब कुछ टूट गया और नष्ट हो गया।