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Russia Gave Military Training to Dolphins: रूस ने डॉल्फिन्स को दी मिलिट्री ट्रेनिंग, जंग के बीच जासूस मछलियों को नेवल बेस पर किया तैनात

यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने अब डॉल्फिन मछलियों को भी मैदान में उतार दिया है। रूसी सेना ने इन मछलियों को ट्रेनिंग देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों पर निगरानी करने के लिए तैनात किया है।

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : April 30, 2022 13:45 IST
Russia Gave Military Training to Dolphins:
Image Source : FILE PHOTO Russia Gave Military Training to Dolphins:

Russia Gave Military Training to Dolphins: यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने अब डॉल्फिन मछलियों को भी मैदान में उतार दिया है। रूसी सेना ने इन मछलियों को ट्रेनिंग देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों पर निगरानी करने के लिए तैनात किया है। यह खुलासा अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (USNI) ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए किया है।

सेवस्तोपोल बंदरगाह के एंट्री गेट पर डॉल्फिन्स तैनात

रिपोर्ट के मुताबिक रूसी नौसेना ने सेवस्तोपोल बंदरगाह के एंट्री गेट पर डॉल्फिन्स को रखा है। सेवस्तोपोल बंदरगाह क्रीमिया पेनिनसुला के दक्षिणी छोर पर है, जिस पर रूस ने 2004 में कब्जा कर लिया था। USNI के सैटेलाइट इमेजरी के एनालिसिस के मुताबिक, फरवरी में यूक्रेन पर अटैक की शुरुआत में रूस ने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स की दो बटालियन्स को शिफ्ट किया था।

मिलिट्री ट्रेंड डॉल्फिन्स सुरक्षा करने में माहिर

जानकारी के मुताबिक, मिलिट्री द्वारा ट्रेन की गईं ये डॉल्फिन्स रूसी नेवल बेस के एंट्री पॉइंट की निगरानी करती हैं। बता दें कि इस पॉइंट से कोई भी जहाज, पनडुब्बी या युद्धपोत रूस में प्रवेश कर सकता है। साथ ही यहां रूस की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हर पल तैनात रहते हैं, जिस वजह से डॉल्फिन्स की तैनाती और भी जरूरी हो जाती है।

डॉल्फिन्स करती हैं दुश्मन को डिटेक्ट

सोवियत संघ के समय से ही रूसी सेना डॉल्फिन्स को ट्रेनिंग दे रही है। इसके लिए कोल्ड वॉर के दौरान तकनीकें विकसित की गई थीं। डॉल्फिन्स पानी के अंदर दुश्मन टारगेट के साउंड और रेंज को डिटेक्ट कर सकती हैं। रूसी सेना ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से डॉल्फिन्स की हरकतें सिग्नल में कन्वर्ट हो जाती हैं और सेना को पता चल जाता है।

डॉल्फिन्स को प्रशिक्षित करने में यूक्रेन, अमेरिका भी पीछे नहीं

डॉल्फिन्स को सिर्फ रूसी सेना ही नहीं, बल्कि अमेरिका और यूक्रेन जैसे देशों की सेना भी ट्रेन करती है। सोवियत संघ के दौर में यूक्रेन भी इन मछलियों को सेवस्तोपोल के पास मिलिट्री ट्रेनिंग देता था।

2012 में यूक्रेन ने इस प्रोग्राम को बंद कर दिया था, जिसके बाद 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के वक्त यूक्रेन की डॉल्फिन्स भी रूस के हाथ लग गई थीं। बाद में यूक्रेन ने कई बार रूस से अपनी डॉल्फिन्स वापस मांगीं, लेकिन उसे कामयाबी हासिल नहीं हुई।
वहीं अमेरिका भी डॉल्फिन्स को मिलिट्री ट्रेनिंग देने में पीछे नहीं है। सरकार ने डॉल्फिन्स और समुद्री घोड़ों को ट्रेन करने लिए अब तक करीब 28 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं।

रूस पहले भी कर चुका है डॉल्फिन्स का इस्तेमाल

रूस ने सीरियन वॉर के वक्त टर्तुस और सीरिया में बने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स का इस्तेमाल किया था। 2018 में रिलीज हुई सैटेलाइट इमेजरी में ये खुलासा हुआ था कि रूस ने सीरियन वॉर के वक्त टर्तुस और सीरिया में बने अपने नेवल बेस पर डॉल्फिन्स का इस्तेमाल किया था।

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