PM Narendra Modi Russia Visit: रूस के दूतावास प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को की दो दिवसीय यात्रा और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता अशांत भूराजनीतिक माहौल को देखते हुए ‘‘ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी’’ रही। उन्होंने मोदी और पुतिन की शिखर वार्ता के एक दिन बाद कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर थी जिससे यह स्पष्ट है कि यह यात्रा कितनी महत्वपूर्ण थी।
बढ़ेंगे दोनों देशों के आर्थिक संबंध
रूसी राजनयिक ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत में भारत-रूस व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। शिखर वार्ता की प्रमुख बातों पर प्रकाश डालते हुए बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस ने राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल करने वाली द्विपक्षीय भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। रूसी सेना में काम कर रहे भारतीयों की वापसी की भारत की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर भारत से सहमत हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि भारतीय स्वदेश कब लौटेंगे, बाबुश्किन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा।’’
तय किया टारगेट
भारत और रूस ने आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक पहुंचाने पर सहमति जताई है। यह लक्ष्य निवेश को बढ़ावा देकर, आपसी व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग और ऊर्जा से लेकर कृषि एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर हासिल किया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच मॉस्को में आयोजित 22वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने विशेष और विशेषाधिकार-प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
इन क्षेत्रों में एक-दूसरे को करेंगे सहयोग
दोनों पक्षों ने रूस-भारत व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय बातचीत को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की बात भी कही। दोनों देशों ने सहयोग के 9 प्रमुख क्षेत्रों पर सहमति व्यक्त की। इनमें व्यापार, राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करके व्यापार निपटान, उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे नए मार्गों के जरिए माल परिवहन कारोबार में वृद्धि शामिल हैं। सहयोग के अन्य क्षेत्रों में कृषि उत्पादों, खाद्य और उर्वरक व्यापार में वृद्धि, परमाणु ऊर्जा सहित ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बातचीत को मजबूत करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश और संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देना, दवाओं की आपूर्ति में सहयोग और मानवीय सहयोग को प्रोत्साहन शामिल है। (भाषा)
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