Friday, November 22, 2024
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Rishi Sunak: नए पीएम के आते ही भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में आएगा दोतरफा बदलाव! हिंदुस्तान के बारे में आखिर क्या सोचते हैं ऋषि सुनक?

Rishi Sunak: ऋषि सुनक का भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों पर दृष्टिकोण ब्रिटेन के लिए महज भारत में कारोबार के अवसर से आगे का है।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: October 25, 2022 12:22 IST
rishi sunak- India TV Hindi
Image Source : AP rishi sunak

Highlights

  • भारत-ब्रिटेन के रिश्ते होंगे और बेहतर
  • कारोबार से आगे का है दृष्टिकोण
  • भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं ऋषि सुनक

Rishi Sunak: ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस खबर का ऐलान भी दिवाली वाले दिन हुआ, जिसका भारतीयों ने जोर शोर से स्वागत किया। सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही सोशल मीडिया पर भारतीयों ने काफी खुशी जाहिर की। अब उनके इस पद पर आते ही ऐसा कहा जा रहा है कि भारत और ब्रिटेन के रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत होंगे। 42 साल के सुनक करीब छह हफ्ते पहले भी प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन तब उन्हें लिज ट्रस से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि ट्रस को अपनी खराब आर्थिक योजना के चलते महज 45 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद अब ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाया गया है। 

ठीक दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया। बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने जा रहे पूर्व वित्त मंत्री के लिए यह एक विशेष दिवाली बन गई। 

भारत को लेकर क्या सोचते हैं सुनक?

ऋषि सुनक का भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों पर दृष्टिकोण ब्रिटेन के लिए महज भारत में कारोबार के अवसर से आगे का है। उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन ‘भारत से सीखना’ चाहता है। सुनक ने पार्टी में नेतृत्व पाने के लिए पिछले मुकाबले में प्रचार के दौरान कहा था कि वह ब्रिटेन-भारत संबंधों को बदलना चाहते हैं ताकि इसे दोतरफा आदान-प्रदान वाला बनाया जा सके, जिससे ब्रिटेन के छात्रों और कंपनियों की भारत में आसान पहुंच हो। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नाटकीय रूप से मुकाबले से हटने और तय समय में 100 सांसदों का समर्थन जुटा पाने में नाकामी के मद्देनजर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की नेता पेनी मॉर्डंट के हार मानने के बाद देश के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री के रूप में सुनक का मार्ग प्रशस्त हो गया।

सुनक के माता-पिता सेवानिवृत्त डॉक्टर यशवीर और फार्मासिस्ट उषा सुनक भारतीय मूल के हैं और 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन आए थे। सुनक की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है। सुनक दंपति की दो बेटियां हैं। सुनक का जन्म साउथेम्प्टन में हुआ था। सुनक के दादा-दादी भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान पैदा हुए थे, लेकिन उनका जन्मस्थान अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित गुजरांवाला में पड़ता है।

पार्टीगेट प्रकरण के बाद बोरिस जॉनसन की 10 डाउनिंग स्ट्रीट से विदाई और लिज ट्रस के मिनी-बजट की नाकामी के बाद सिर्फ सात सप्ताह के अंतराल पर तीसरे प्रधानमंत्री के रूप में, नए नेता को वैश्विक उथल-पुथल के दौर में अर्थव्यवस्था को बचाने और गहराई से विभाजित कंजरवेटिव पार्टी को एकजुट करने के कठिन कार्य का सामना करना है।

सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ऐसे समय सत्ता की कमान संभालेंगे, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास की तिहरी मार-उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट की नाकामी के मुद्दे से जुझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है। उनके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं। पिछले महीने, कंजरवेटिव पार्टी के भीतर सुनक की प्रतिष्ठा नयी ऊंचाइयों पर पहुंची और फिर से उनकी नजरें प्रधानमंत्री पद पर टिक गई।

2015 में चुने गए थे सांसद

स्टैनफोर्ड और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के स्नातक सुनक 2015 में यॉर्कशायर के रिचमंड से संसद सदस्य चुने गए थे। वह वित्त मंत्रालय में कनिष्ठ पदों पर रहे और फिर वित्त मंत्री बने। सुनक ने ब्रिटेन-भारत संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए कहा था, ‘मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमारे छात्रों के लिए भी भारत की यात्रा करना और सीखना आसान हो, हमारी कंपनियों और भारतीय कंपनियों के लिए एक साथ काम करना भी सुगम हो क्योंकि यह केवल एकतरफा संबंध नहीं, यह दोतरफा संबंध है, और मैं उस रिश्ते में इस तरह का बदलाव लाना चाहता हूं।’

सुनक ने ब्रिटेन के ‘पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री’ बनने के लिए दौड़ के बारे में एक सवाल पर कहा था, ‘मैंने जो सबसे बड़ा त्याग किया है, वह यह है कि मैं पिछले कुछ वर्षों से एक बहुत खराब पति और पिता रहा हूं।’ धर्मनिष्ठ हिंदू सुनक ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ का सदस्य चुने जाने पर भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी।

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