भारत और रूस की दोस्ती 13 अप्रैल 1947 को शुरू हुई थी। तब से लेकर अबतक रूस ने भारत से कंधे से कंधे मिलाकर दोस्ती का फर्ज निभाया है। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। इस हालात में दुनिया के ज्यादातर देश रूस के खिलाफ हो गए हैं। कई बार ऐसे मौके आए जब भारत पर रूस के खिलाफ जाने का दबाव बना, लेकिन भारत ने अपना स्टैंड कायम रखा। भारत ने युद्ध का समर्थन कभी नहीं किया, लेकिन रूस के खिलाफ भी नहीं गया। रूस के साथ भारत का कई क्षेत्रों में गहरे संबंध रहे हैं। रूस ने एक बार फिर दोस्त का फर्ज निभाया है। जी हां, रूस भारत को तमिलनाडु में मौजूद कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए एक खास तरह का न्यूक्लियर फ्यूल देने जा रहा है।
एडवांस फ्यूल की पेशकश
बुधवार को एक प्रश्व के उत्तर में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा कि रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी Rosatom कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के लिए एडवांस फ्यूल की पेशकश की है। उन्होंने आगे कहा कि TVS-2M नाम के परमाणु ईंधन का पहला लॉट मई-जून 2022 के दौरान प्राप्त हुआ था और उसे यूनिट-1 में लोड किया जा चुका है।
पहले दिया सस्ता कच्चा तेल
मंत्री जीतेंद्र सिंह ने बताया कि TVS-2M से कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र को 18 महीने की ऑपरेटिंग साइकिल मिलती है, जबकि यूनिट-2 में इस्तेमाल में लाए जा रहे UTVS फ्यूल की साइकिल 12 महीने की है। अब रूस ने यूनिट-2 के लिए भी UTVS टाइप के ईंधन की जगह TVS-2M टाइप का ही ईंधन देने की पेशकश की है। इससे पहले रूस ने भारत को सस्ता कच्चा तेल उपलब्ध कराना शुरू किया है।