Highlights
- सोमवार को होगा महारानी का अंतिम संस्कार
- विश्व नेताओं के लिए जारी हुए हैं सख्त आदेश
- कमर्शियल विमान और बस से यात्रा करने को कहा
Queen Elizabeth II Funeral: हालिया समय में ब्रिटेन के इतिहास में एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्यक्रम में पहुंचने की तैयारी कर रहे विश्व के नेताओं को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्येष्टि में सख्त प्रोटोकॉल लागू रहने के बारे में सूचित किया गया है। महारानी की अंत्येष्टि अगले सोमवार, 19 सितंबर को लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में की जाएगी। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) दस्तावेजों के मुताबिक, राजकीय अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल होने की योजना बना रहे सभी राष्ट्राध्यक्ष और उनके पति/पत्नी को निजी विमान के बजाय वाणिज्यिक उड़ानों से आने को कहा गया है। साथ ही, उनसे हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं करने को भी कहा गया है।
‘पॉलिटिको’ को हासिल दस्तावेजों के मुताबिक, उनसे कथित तौर पर कहा गया है कि वे वेस्टमिंस्टर एबे में स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजे निर्धारित कार्यक्रम में पहुंचने के लिए अपनी राजकीय कार का उपयोग नहीं कर सकते हैं और इसके बजाय उन्हें पश्चिम लंदन में एक स्थान से बस से ले जाया जाएगा। एफसीडीओ ने कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक प्रोटोकॉल संदेश में कहा है कि वेस्टमिंस्टर एबे कार्यक्रम के लिए इतना खचाखच भरा होगा कि प्रत्येक देश से एक से अधिक, वरिष्ठ प्रतिनिधि और उनके पति/पत्नी को शरीक होने देने की अनुमति देना असंभव होगा।
दूतावासों को शनिवार रात भेजे गए दस्तावेज
विदेशों में स्थित दूतावासों और उच्चायोगों को शनिवार रात भेजे दस्तावेज में एफसीडीओ ने कहा, ‘इसे खेद है कि राजकीय अंत्येष्टि कार्यक्रम और इससे जुड़े कार्यक्रमों में सीमित स्थान होने के चलते प्रधान अतिथि परिवार के किसी अन्य सदस्य, कर्मचारी या उनके साथ आने वाले व्यक्ति को इसमें उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’ इसमें कहा गया है कि कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सकने वाले राष्ट्राध्यक्ष अपने आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में शासनाध्यक्ष या वरिष्ठ मंत्री को भेज सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संवाददाताओं को अंत्येष्टि में उपस्थित होने की अपनी योजना के बारे में बताया है। विश्व के कुछ अन्य नेताओं ने भी इसमें उपस्थित होने की बात कही है।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का झंडे से लिपटा ताबूत सोमवार को स्कॉटलैंड की राजधानी में कैथेड्रल तक ले जाया गया और इस दौरान उनकी चार संतानें खामोशी से पीछे चल रही थीं। महारानी के पार्थिव शरीर को एडिनबरा स्थित पैलेस ऑफ होलीरूडहाउस से ले जाया गया है। महारानी का चार दिन पहले उनके बाल्मोरल स्थित आवास में निधन हो गया था। रॉयल रेजीमेंट ऑफ स्कॉटलैंड के एक दल और स्कॉटलैंड में किंग्स बॉडी गार्ड- रॉयल कंपनी ऑफ आर्चर्स की एक टुकड़ी के साथ ताबूत को सेंट जाइल्स कैथेड्रल ले जाया गया और इस दौरान महाराज चार्ल्स तृतीय, प्रिंसेस एनी, प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड पीछे चल रहे थे। चार्ल्स, एनी और एडवर्ड ने सेना की वर्दी पहनी थी, लेकिन एंड्रयू ने नहीं पहनी थी।
प्रिंस एंड्रयू ने क्यों नहीं पहनी सेना की वर्दी?
शाही नौसेना के अधिकारी रहे एंड्रयू को कुख्यात अमेरिकी यौन अपराधी जेफरी एप्स्टीन के साथ दोस्ती की वजह से अपने मानद सैन्य पद को गंवाना पड़ा था। महारानी का ताबूत मंगलवार तक कैथेड्रल में रहेगा ताकि आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। महारानी की शव यात्रा के निकलते समय ज्यादार लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से सम्मान प्रकट किया। इस दौरान एक व्यक्ति ताबूत की ओर नाराजगी में चिल्लाता हुआ दिखा, वहीं कुछ अन्य कहते सुने गए, ‘ईश्वर महाराज को बचाए।’ इससे पहले महाराज चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला होलीरूडहाउस से सेंट जाइल्स कैथेड्रल के बीच स्थित रॉयल माइल नामक सड़क से एक लिमोजिन कार में गुजरे, तो वहां अवरोधकों के पीछे बड़ी संख्या में खड़े लोगों ने उनका ताली बजाकर तथा हाथ हिलाकर अभिनंदन किया।
दोनों होलीरूडहाउस पर कार से उतरे और लोगों का अभिवादन किया। इसके बाद एडिनबरा कैसल से एक तोप से सलामी दी गई। इससे पहले चार्ल्स ने लंदन में संसद में एक शोकसभा में भाग लिया, जहां उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी दिवंगत मां की ‘निस्वार्थ सेवा’ के रास्ते पर चलेंगे। उधर, ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने पहली बार अपनी ‘दादी’ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी ‘अच्छी सलाह और मनमोहक मुस्कान’ को याद किया और कहा कि उन्हें यह जानकर तसल्ली मिली है कि उनका उनके ‘दादा’ प्रिंस फिलिप से पुनर्मिलन हो गया है। सरकार ने घोषणा की है कि महारानी के अंतिम संस्कार से पहले रविवार को देश एक मिनट का मौन रखेगा। स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे मौन रखा जाएगा। लोगों से अपने घरों या सामुदायिक कार्यक्रमों में मौन रखने का आग्रह किया गया है।
लंदन में 1,000 साल पुराने वेस्टमिंस्टर हॉल में हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से जताई गई संवेदनाओं के जवाब में महाराज चार्ल्स तृतीय ने इतिहास पर प्रकाश डाला और अपनी मां के शासनकाल के कई प्रतीकों का उल्लेख किया। राजकीय शोक के इस कार्यक्रम में संसद के लगभग 900 सदस्य शामिल हुए और देश के नए महाराज के प्रति निष्ठा व्यक्त की।