Highlights
- 19 सितंबर को होगा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार
- करीब 600 ब्रांड्स को अपनी शाही सील खोने का डर
- जिसके बाद उन्हें आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा
Queen Elizabeth: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद दुनिया के कुछ नामी गिरामी ब्रांड्स को एक बड़े ही खतरे का सामना करना पड़ रहा है। उनिके ऊपर अपनी शाही प्रतिष्ठा को खोने का खतरा मंडरा रहा है। महारानी एलिजाबेथ के लगभग 600 पसंदीदा ब्रांड्स थे, जो उनके निधन के बाद अपनी शाही पहचान खो सकते हैं। अब उनका शाही होना केवल एक व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II का 8 सितंबर 2022 को निधन हो गया। वह पिछले कुछ वक्त से बीमार थीं। महारानी की मौत के बाद उनके सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स III ब्रिटेन के नए सम्राट बनाए गए। महारानी का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।
करीब 600 ब्रांड्स को अपनी शाही सील खोने का डर
महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद करीब 600 ब्रांड को शाही सील खोने का डर है। इन ब्रांड्स में कैडबरी चॉकलेट, मेसन टी, बरबेरी रेनकोट समेत कई ऐसे ब्रांड्स हैं जो महारानी के फेवरेट हुआ करते थे। इन ब्रांड ओनर्स को अब डर सता रहा है कि अगर किंग्स चार्ल्स ने उन्हें मंजूरी नहीं दी तो वे शाही सील खो देंगे जिससे उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। ब्रांड ओनर्स को डर है कि अगर ऐसा हुआ तो उन्हें शाही सील का तो नुकसान तो होगा ही, साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा ।
किंग चार्ल्स III की मंजूरी का इंतजार
अब इन ब्रांड को अपनी शाही प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए किंग चार्ल्स III की मंजूरी का इंतजार करना होगा। फोर्टनम, मेसन टी, बरबेरी रेनकोट, कैडबरी चॉकलेट, ब्रूमस्टिक और डॉग फूड निर्माता समेत 600 ब्रांड्स को अगर नए सम्राट की स्वीकृति नहीं मिलती है, तो उनके पास शाही सील को हटाने के लिए दो साल का समय होगा जो उन्हें अन्य प्रतियोगी ब्रांड से अलग और यूनीक करता है।हालांकि अभी तक किंग चार्ल्स तृतीय की तरफ से इन ब्रांड्स को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इससे पहले किंग चार्ल्स ने राजकुमार के रूप में 150 से ज्यादा ब्रांड्स को खुद की शाही सील जारी की थी। गौरतलब है कि ब्रांड्स के ऊपर शाही सील दिखाता है कि ये बेस्ट क्वालिटी है क्योंकि इन पर शाही सील लगी हुई है। रॉयल वारंट होल्डर्स एसोसिएशन का कहना है कि अधिकार प्राप्त धारकों को अपने उत्पाद, पैकेजिंग, स्टेशनरी, विज्ञापन, परिसर और वाहनों पर शाही सील लगाने का अधिकार होता है। कुछ कंपनियों के लिए रॉयल एंडोर्समेंट ब्रिकी की एक पावरफुल ट्रिक है, जिससे उनकी सेल पर काफी असर पड़ता है।