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पुतिन ने लिख दी यूक्रेन के खात्मे की कहानी, युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दी घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल

यूक्रेन के ड्रोन हमलों से बौखलाए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अब युद्ध क्षेत्र में अंतरद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दी है। इसका इस्तेमाल हुआ तो यह यूक्रेन में भीषण तबाही मचा सकती है। क्या पुतिन ने अब यूक्रेन पर इस मिसाइल के इस्तेमाल का मूड बना लिया है, क्या अब वाकई युद्ध का पूरी तरह खात्मा होने वाला है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: September 02, 2023 12:27 IST
रूस की न्यूक्लियर मिसाइल (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP रूस की न्यूक्लियर मिसाइल (फाइल)

रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 18 महीने हो चुके हैं। इस बीच यूक्रेन ने रूस पर कई ताबड़तोड़ ड्रोन हमले किए हैं। यूक्रेनी हमलों से अब मास्को और क्रेमलिन भी सुरक्षित नहीं रह गया है। यूक्रेन ने मास्को और क्रेमलिन के कई ठिकानों को निशाना बनाया है। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति पुतिन बौखला गए हैं। उन्होंने युद्ध के क्षेत्र में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती कर दी है। यह यूक्रेन में विनाश का मंजर दिखाने के लिए काफी है। यह न्यूक्लियर मिसाइल इतनी अधिक घातक है कि पलक झपकते किसी भी खूबसूरत शहर को श्मशान बना सकती है। अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन कहा था कि वह युद्ध का अंत करना चाहते हैं, तो क्या माना जाए कि यूक्रेन युद्ध का अंत बेहद भयानक होने वाला है।

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने शुक्रवार को बताया कि देश ने एक उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) तैनात की है, जिसके बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यह मॉस्को के दुश्मनों को "दो बार सोचने" पर मजबूर कर देगी। रूस की समाचार एजेंसियों ने रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव के हवाले से प्रकाशित खबरों में बताया कि सरमत मिसाइल को युद्ध ड्यूटी पर तैनात किया गया है। खबरों में मिसाइल तैनाती के संदर्भ में कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई है।

नाटो ने पुतिन की इस मिसाइल को दे चुका है शैतान का नाम

रूस की सरमत मिसाइल विभिन्न उन्नत हथियारों में से आईसीबीएम है, जिसके निर्माण की घोषणा पुतिन ने वर्ष 2018 में की थी। साइलो-आधारित यह मिसाइल कई परमाणु हथियारों को ढोने में सक्षम है और इसके आर-26 आईसीबीएम की जगह लेने की संभावना है, जिसे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने 'शैतान' का नाम दिया था। सरमत का शुरुआती प्रक्षेपण चरण कथित तौर पर कम अवधि का है, जिससे निगरानी प्रणालियों को इसका पता लगाने के लिए बहुत कम समय मिलता है। रूस के वर्ष 2022 में यूक्रेन में सेना भेजने के लगभग दो महीने बाद पुतिन ने कहा था, ''सरमत बाहरी खतरों से रूस की विश्वसनीय रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यह उन लोगों को दो बार सोचने पर मजबूर करेगी, जो आक्रामक बयानबाजी के जरिये हमारे देश को धमकी देने की कोशिश करते हैं।" (एपी)

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