Thursday, November 14, 2024
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मास्को को युद्ध अपाहिज बनाने की चाल से बेचैन हुए पुतिन, अमेरिका ने काट दी रूस की भुजाएं

रूस-यूक्रेन युद्ध अब नए मोड़ पर पहुंच सकता है। यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग की धार कमजोर करने के लिए अमेरिका ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। जो बाइडेन प्रशासन ने रूस को हथियारों की सप्लाई करने वाले तुर्की, अरब और चीन की 130 कंपनियों पर बैन लगा दिया है। इससे रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 03, 2023 6:53 IST
व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति।

रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यूक्रेन को युद्ध में पिछड़ते देख अमेरिका ने रूस के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। यूक्रेन को युद्ध उपकरणों की सप्लाई और बड़े-बड़े रक्षा पैकेज देने के बाद भी जेलेंस्की रूस का डटकर मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अब जो बाइडेन प्रशासन ने रूस को युद्ध अपाहिज बनाने की सबसे खतरनाक चाल चल दी है। अमेरिका की इस चाल से रूसी राष्ट्रपति पुतिन बड़ी टेंशन में आ गए हैं। दरअसल अमेरिका ने उन सभी सप्लायर कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनसे तथाकथित रूप से रूस हथियार खरीद रहा था। अमेरिका के इस कदम से रूस की जंग कमजोर पड़ सकती है। इससे पुतिन परेशान हो उठे हैं। 
 
दरअसल अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध में रूस को सहायता प्राप्त करने से रोकने के लिए तुर्की, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की 130 कंपनियों और लोगों पर बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगा दिया। वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय द्वारा घोषित प्रतिबंध तीसरे पक्ष की कंपनियों और उन लोगों पर लगाए गए हैं, जिन पर युद्ध के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद में रूस की सहायता करने का आरोप है।
 
तुर्की से लेकर चीन और अरब तक की कंपनियां नपीं
रूस को हथियार सप्लाई करने वाले देशों में तुर्की से लेकर चीन और अरब की कंपनियों के नाम शामिल थे। मगर अमेरिका ने इन सभी पर बैन लगा दिया है। तुर्की के नागरिक बर्क तुर्केन और उनकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिन पर रूसी खुफिया विभाग से संबंध रखने का आरोप है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि तुर्केन के नेटवर्क ने प्रतिबंधों को दरकिनार करने और तुर्की से रूस तक सामान ले जाने के लिए भुगतान और शिपिंग विवरण की व्यवस्था की। संयुक्त अरब अमीरात की कई कंपनियों पर कथित तौर पर विमानन उपकरण और मशीनें आदि भेजने का आरोप है। इसी तरह चीनी कंपनियों पर भी रूस के लिए हथियार सप्लाई करने का आरोप है। ​(एपी) 
 
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