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तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से फिक्स हुई पुतिन की मुलाकात, यूक्रेन से पश्चिम तक को लगा आघात

तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर जुलाई 2022 में एक समझौता किया था, जिसके तहत यूक्रेन काला सागर में स्थित तीन बंदरगाहों से अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ बाहर भेज सकता था। उसी समय, संयुक्त राष्ट्र और रूस के बीच एक अलग सहमति बनी थी

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Sep 01, 2023 19:44 IST, Updated : Sep 01, 2023 19:45 IST
रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन (फाइल)
Image Source : AP रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन (फाइल)

यूक्रेन युद्ध के करीब 18 महीने होने के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की विशेष मुलाकात तय हो गई है। दोनों नेता काला सागर के एक रिजॉर्ट में मिलेंगे। पुतिन और एर्दोगन की मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब रूस को हथियारों और गोला-बारूद की बेहद जरूरत है। इससे पहले पुतिन द्वारा गोला-बारूद, मिसाइलों और अन्य हथियारों के लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को तथाकथित तौर पर चिट्ठी लिखे जाने का दावा भी पश्चिमी देशों द्वारा किया जा चुका है। अमेरिका खुफिया विभाग के अनुसार चीन, ईरान, उत्तर कोरिया और अब तुर्की रूस को यूक्रेन युद्ध में हथियारों के मददगार हैं। पाकिस्तान का नाम भी हथियारों के सौदागर के रूप में सामने आ चुका है। इसके लिए अमेरिका पाकिस्तान को फटकार भी लगा चुका है।

फिलहाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को सोची के काला सागर रिसॉर्ट में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन के साथ बैठक करेंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दोनों नेताओं की मुलाकात के समय और स्थान को लेकर हफ्तों से अटकलें चल रही थीं। इसी सप्ताह दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर जुलाई 2022 में एक समझौता किया था, जिसके तहत यूक्रेन काला सागर में स्थित तीन बंदरगाहों से अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ बाहर भेज सकता था। उसी समय, संयुक्त राष्ट्र और रूस के बीच एक अलग सहमति बनी थी, जिसमें रूस द्वारा वैश्विक बाजारों में खाद्य पदार्थ और उर्वरक भेजने के दौरान आने वाली बाधाओं को दूर करने की बात की गई थी। हालांकि, रूस इस साल की शुरुआत में यह दावा करते हुए समझौते से अलग हो गया कि उसकी शर्तें पूरी नहीं की गईं।

कई मायने में खास है पुतिन और एर्दोगन की मुलाकात

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की तुर्की के प्रेसिडेंट एर्दोगन से मुलाकात कई मायनों में खास है। अनाज समझौते से लेकर रूस को हथियारों की कमी को दूर करने के लिहाज से भी इस मीटिंग को अहम माना जा रहा है। रूस अब ईरान से लेकर उत्तर कोरिया, चीन और तुर्की जैसे अपने शुभचिंतक देशों से समर्थन जुटा रहा है। आगामी महीनों में पुतिन के चीन की यात्रा करने की बात भी सामने आ चुकी है। हालांकि पुतिन की चीन यात्रा की तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है। मगर यूक्रेन से युद्ध के दौरान यह चीन की पहली विदेश यात्रा होगी। इससे समझा जा सकता है कि चीन के साथ उसकी विश्वसनीयता किस हद तक बढ़ रही है। (एपी)

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