मॉस्कोः रूस में अगले हफ्ते होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने पश्चिमी देशों को भारत का उदाहरण देकर उन्हें आईना दिखाया है। पुतिन से सवाल पूछा गया था कि क्या ब्रिक्स पश्चिमी देशों के खिलाफ बनाया गया एक संगठन है?...इस पर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स पश्चिम विरोधी नहीं, बल्कि सिर्फ एक गैर-पश्चिम समूह है। ब्रिक्स का उद्देश्य कभी किसी के खिलाफ होना नहीं था। इसके लिए उन्होंने भारत के रुख का हवाला भी दिया। पुतिन ने पश्चिमी देशों को बताया कि भारत ब्रिक्स का अहम सदस्य है, लेकिन वह पश्चिम या यूरोप विरोधी नहीं है। इसी तरह से अन्य सदस्य भी हैं।
इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी की भूमिका की सराहना भी की। यूक्रेन विवाद पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है, ''...पीएम मोदी उनसे बातचीत के दौरान हर बार इस मुद्दे को उठाते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं। इसके लिए हम उनके आभारी हैं।' उन्होंने कहा कि रूस इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीकों से समाप्त करने में रुचि रखता है। मगर यह हम नहीं थे, जिन्होंने इस पर बातचीत रोकी थी, बल्कि यह यूक्रेनी पक्ष था..."
अमेरिका ने रूस से खराब कर लिए रिश्ते
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है, ''...अमेरिका ने लगातार प्रतिबंध लगाकर रूस के साथ अपने रिश्ते खराब कर लिए हैं और इसका उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अब पूरी दुनिया सोच रही है कि क्या उसका (अमेरिका का) डॉलर इस्तेमाल करने लायक है...यहां तक कि अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों ने भी अपना डॉलर भंडार कम कर दिया है। ऐसा करके अमेरिका लगभग 15 साल पीछे चला गया है। वे चीनी विकास को नहीं रोक पाएंगे..."
चीन के साथ संबंध एक दूसरे के पूरक
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के साथ अपने संबंधों पर कहा, "...चीन के साथ हमारे संबंध एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। उन्होंने यह बातें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन-2024 से पहले की। उन्होंने फिर दोहराया कि ब्रिक्स का उद्देश्य कभी किसी के खिलाफ होना नहीं है। बता दें कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका से शुरू हुए इस संगठन में अब कुल 10 सदस्य देश शामिल हो गए हैं। अब मिस्र, सऊदी अरब, ईरान, यूएई और इथियोपिया भी ब्रिक्स के सदस्य देश हैं।
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