रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में जी20 समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंडोनेशिया के बाली में होने जा रही इस समिट में पुतिन के भाग न लेने के पीछे जो वजह बताई जा रही है, वो चौंकाने वाली है। माना जा रहा है कि पुतिन को अपनी हत्या किए जाने का डर है। ग्लोबल मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को अपनी हत्या किए जाने का डर है और इसीलिए वह इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवंबर को होने वाली G20 की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। पुतिन को डर है कि अमेरिकी कमांडो इंडोनिशिया समिट में जाने पर उन्हें वहां मार सकते हैं।
पुतिन को किन लोगों से है जान का खतरा?
पुतिन का मानना है कि उन्हें पश्चिमी देशों के साथ ही रूस में उन लोगों से भी खतरा है, जोकि यूक्रेन में लगातार हार से रूसी राष्ट्रपति से नाराज हैं। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस के राजनीतिक मामलों के जानकार और पुतिन के एडवाइजर रह चुके सर्गेई मार्कोव का कहना है कि 'पुतिन G20 में क्यों नहीं जा रहे हैं इसकी वजह बहुत गंभीर है।' मार्कोव ने G20 समिट में पुतिन के हिस्सा न लेने के तीन कारण गिनाए हैं।
- 'अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन के विशेष बल के हाथों पुतिन को मारने की कोशिश किए जाने की बहुत ज्यादा संभावना है।'
- 'अपमानजनक परिस्थितिओं की संभावना। जैसे- कुछ विकलांग सामाजिक कार्यकर्ता पुतिन को गिरा सकते हैं, जैसे कि ये दुर्घटनावश हुआ हो और दुनिया भर की मीडिया इस तस्वीर को खींचकर कई तरह के हास्यास्पद कैप्शन लगाएगी, जैसे कि 'रूस का राष्ट्रपति चारों खाने चित्त।''मुझे पूरा यकीन है कि पूरी तरह पागल कुछ पश्चिमी देश कुछ ऐसी ही योजना बना रहे हैं।'
- 'खेरसॉन में हार के बाद एक महान देश के रूप में रूस की स्थिति सवालों के घेरे में है। वे पुतिन पर आसानी से आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव डालेंगे।'
पुतिन के पूर्व सलाहकार ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन पर साधा निशाना
सर्गेई मार्कोव ने G20 में जाने पर पुतिन के साथ तीन संभावित साजिशों की आशंका बताते हुए ब्रिटेन, अमेरिका और यूक्रेन को आड़े हाथों लिया है। हालांकि पुतिन के प्रवक्ता ने कहा, 'व्यस्तता' की वजह से G20 में नहीं जा पाएंगे’। बता दें कि यूक्रेन के देश खेरसॉन से रूसी सेना के जाने के बाद से यूक्रेन ने फिर वहां अपना झंडा लहरा दिया है और वहां के लोगों ने जश्न भी मनाया है।