Wednesday, November 20, 2024
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राम मंदिर निर्माण के बाद भारतीयों को गर्व का एक और मौका, "श्री रामचरित मानस" को UNESCO के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में स्थान

श्रीराम चरित मानस को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर में जगह मिली है। यह भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय गर्व का मौका है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: May 13, 2024 22:21 IST
श्रीराम चरित मानस (प्रतीकात्मक)- India TV Hindi
Image Source : FILE श्रीराम चरित मानस (प्रतीकात्मक)

नई दिल्लीः अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद भारतीयों को गर्व का एक और अंतरराष्ट्रीय मौका मिला है। देश के प्रसिद्ध और प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथ श्री रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियां और पंचतंत्र दंतकथाओं की 15वीं शताब्दी की पांडुलिपि एशिया-प्रशांत की उन 20 वस्तुओं में शामिल है, जिन्हें 2024 संस्करण के लिए यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर’ में शामिल किया गया है।  अधिकारियों ने सोमवार को यहां कहा कि यह निर्णय एशिया और प्रशांत क्षेत्र मामलों की विश्व स्मृति समिति (एमओडब्ल्यूसीएपी) की 10वीं आम बैठक में लिया गया, जो सात से आठ मई तक मंगोलिया की राजधानी उलनबटोर में हुई।
 
उन्होंने बताया कि तुलसीदास की रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियों, सहृदयालोक-लोकन की पांडुलिपि: भारतीय काव्यशास्त्र का एक मौलिक पाठ, और पंचतंत्र दंतकथाओं की 15 वीं शताब्दी की पांडुलिपि को इस सूची में शामिल किया गया है। विश्व निकाय ने आठ मई को एक बयान में कहा कि 10वीं आम बैठक की मेजबानी मंगोलिया के संस्कृति मंत्रालय, यूनेस्को के लिए मंगोलियाई राष्ट्रीय आयोग और बैंकॉक स्थित यूनेस्को क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई। इसने कहा कि इस वर्ष एमओडब्ल्यूसीएपी क्षेत्रीय रजिस्टर "मानव अनुसंधान, नवाचार और कल्पना" का उल्लेख करता है।
 

भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण

अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के कला निधि प्रभाग के डीन (प्रशासन) एवं विभाग प्रमुख रमेश चंद्र गौड़ बैठक में मौजूद थे। आईजीएनसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह समावेशन (भारत से तीन वस्तुओं का) भारत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, जो देश की समृद्ध साहित्यिक विरासत और सांस्कृतिक विरासत की पुष्टि करता है। यह वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण प्रयासों में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है जो विविध आख्यानों को पहचानने और उनकी सुरक्षा करने के महत्व पर प्रकाश डालता है। (भाषा) 

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